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    यहां है भारत का 'GAY' एयरपोर्ट! राज्यसभा में मचा बवाल; जानें पूरी कहानी

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 06:23 PM (IST)

    राज्यसभा में बीजेपी सांसद भीम सिंह ने गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के GAY कोड पर आपत्ति जताई है जिसे उन्होंने सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से असहज बताया है। उन्होंने सरकार से इस कोड को बदलने की मांग की है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि यह कोड अंतरराष्ट्रीय संस्था IATA द्वारा जारी किया गया है और इसे बदलना आसान नहीं है।

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    यहां हैं भारत का GAY एयरपोर्ट राज्यसभा में मचा बवाल (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में एक दिलचस्प मामला उठा है, जिसमें बिहार के गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए इस्तेमाल होने वाले 'GAY' को लेकर आपत्ति जताई गई है। बीजेपी सांसद भीम सिंह ने इसे सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से असहज बताकर सरकार से कोड बदलने की मांगी की है।

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    बीजेपी के राज्यसभा सांसद भीम सिंह ने सदन में एक सवाल में कहा कि गया एयरपोर्ट का 'GAY' कोड कई लोगों को सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से आपत्तिजनक लगता है। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या इस कोड को बदलने पर विचार किया जा रहा है?

    सरकार ने क्या जवाब दिया

    इस सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बाताय कि यह कोड अंतरराष्ट्रीय संस्था IATA (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) द्वारा जारी किया गया है और ऐसे कोड आमतौर पर स्थायी होते हैं।

    उन्होंने कहा कि कोड बदलने की प्रक्रिया आसान नहीं होती है और ऐसा सिर्फ बहुत ही खास मामलों में किया जाता है, जैसे कि हवाई सुरक्षा से जुड़ी कोई समस्या हो।

    पहले भी की जा चुकी है मांग

    मंत्री ने यह भी बताया कि गया हवाई अड्डे का कोड बदलने की मांग पहले भी मंत्रालय और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को मिली थी। यहां तक कि एअर इंडिया ने भी IATA से इस कोड को बदलने का अनुरोध किया था।

    लेकिन, IATA ने यह साफ कर दिया कि उसके नियमों के अनुसार एक बार जारी किया गया तीन अक्षरों का कोड स्थायी माना जाता है और सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही बदला जा सकता है।

    कोड तय करने का तरीका

    • IATA द्वारा जो तीन अक्षर वाले कोड दिए जाते हैं, उन्हें 'लोकेशन आइडेंटिफायर' कहा जाता है।
    • ये कोड हवाई अड्डों की पहचान के लिए होते हैं।
    • इन्हें आमतौर पर उस स्थान के नाम के पहले तीन अक्षरों से बनाया जाता है।
    • गया का 'GAY' कोड भी इसी प्रक्रिया के तहत मिला है।
    • इसका मकसद केवल विमान सेवाओं में पहचान को आसान बनाना होता है।

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