Ganesh chaturthi 2022: घर में इस विधि से गणेश जी की पूजा करेंगे तो बरसेगी अपार कृपा, धन-धान्य में मिलेगा लाभ
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन विधि विधान के साथ गणेश जी की पूजा करने से उनकी कृपा बनी रहती है। अगर आप भी अपने घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो इस विधि का पालन कर सकते हैं।

Ganesh chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की का नाम लेने मात्र से ही वह काम सफल माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, पूरे विधि विधान के साथ गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से उनकी कृपा और अधिक मिलती है। घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।
अगर आप भी अपने घर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं लेकिन पूजा की सही विधि को लेकर जानकारी नहीं है, तो हम आपकी ये परेशानी दूर कर देते हैं। नीचे दिए गए आसान तरीके अपनाकर अगर आप सच्चे मन से भगवान गणेश की आराधना करेंगे, तो आप पर भी विघ्नहर्ता खुले मन से कृपा बरसाएंगे।
- सबसे पहले स्नान कर लें और नए/साफ कपड़े धारण करें।
- इसके बाद पूजा की चौकी पर जल छिड़क कर उसे साफ कर लें और लाल कपड़ा बिछाएं।
- अब अक्षत डालकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर दें।
- भगवान श्री गणेश का गंगा जल से अभिषेक करें।
- अभिषेक करने के बाद एक एक कर दूर्वा, अक्षत, फूल, माला, तिलक इत्यादि अर्पित करें।
- गणेश जी की मूर्ति के पास धूप-दिया जलाककर रख दें।
- फिर गणेश जी का पसंदीदा मोदक या लडूड का भोग लगाएं।
- पूजा करने के लिए आप गणेश जी के मंत्रों का उच्चारण भी कर सकते हैं। इसके लिए जरूर हो ते पूजा की किताब या इंटरनेट का सहारा ले सकते हैं।
- अब अंत में उनकी आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त
देश में हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन घर से लेकर मंदिर और पंडालों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर श्रद्धालु पूजा करते हैं। महाराष्ट्र में 10 दिनों तक गणपति बप्पा की पूजा विश्व भर में प्रसिद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल उदय तिथि के आधार पर 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी का वर्त रखा जाएगा। इसी दिन लोग गणपति की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना करेंगे।
इसलिए मनाई जाती गणेश चतुर्थी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती के छोटे बेटे गणेश का जन्म हुआ था। भगवान शिव से गणेश जी को वरदान मिला कि उनकी अराधना के बाद ही किसी अन्य भगवान की पूजा होगी। इसलिए गणेश जी का पूजन सबसे पहले किया जाता है।
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