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    Gaganyaan Mission: अंतरिक्ष पर भारत के बढ़ते कदम... देश को क्या होगा हासिल, जानिए 10 खास बातें

    By Mohammad SameerEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sat, 21 Oct 2023 06:00 AM (IST)

    गगनयान मिशन की सफलता से देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष के बारे में जानने उसका अध्ययन करने और वहां के वातावरण को समझने का शानदार मौका मिलेगा। Gaganyaan Mission की सफलता के बाद चीन अमेरिका और रूस के बाद भारत ये कारनामा करने वाला चौथा मुल्क बनकर उभरेगा।

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    जानिए गगनयान मिशन से जुड़ी 10 खास बातें

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। आज 21 अक्‍टूबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान (Gaganyaan Mission) की पहली टेस्ट फ्लाइट सुबह 7 से 9 बजे के बीच पहली उड़ान भरेगी। इस पहली टेस्ट फ्लाइट के बाद ISRO तीन और  D2, D3 व D4 टेस्ट फ्लाइट भेजेगा। अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों में एक नया अध्याय जोड़ने के लिहाज से ये मिशन बेहद खास है...

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    आइए जानते हैं गगनयान मिशन से जुड़ी 10 अहम बातें-

    1- टेस्ट उड़ान क्या है?

    अगर आसान भाषा में समझा जाए तो मिशन के दौरान रॉकेट में गड़बड़ी होने पर रॉकेट के अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को वापस पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की टेस्टिंग की होगी। इस मिशन की पहली टेस्‍ट उड़ान के तहत क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस तक भेजे जाएगा फिर वापस जमीन पर लौटाया जाएगा. उड़ान के दौरान सिक्वेंसिंग, टेलिमेट्री, एनर्जी आदि पहलुओं की जांच होगी।

    2- पीएम मोदी ने साल 2018 किया एलान

    PM नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में दिए अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान गगनयान मिशन की घोषणा की थी।  आशा है कि मिशन 2024 के अंत या फिर 2025 की शुरुआत में पूरा होगा। 

    3- मिशन की सफलता से देश को ये होगा हासिल 

    गगनयान मिशन की सफलता से देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष के बारे में जानने, उसका अध्ययन करने और वहां के वातावरण को समझने का शानदार मौका मिलेगा। Gaganyaan Mission की सफलता के बाद चीन, अमेरिका और रूस के बाद भारत ये कारनामा करने वाला चौथा मुल्क बनकर उभरेगा।

    4- तीन हिस्से होंगे

    गगनयान Test Vehicle Abort Mission-1 में फ्लाइट के तीन हिस्से होंगे। अबॉर्ट मिशन के लिए बनाया सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम। ISRO के इस मिशन को गगनयान टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि एबॉर्ट टेस्ट का मतलब है कि समस्या के समय एस्ट्रोनॉट के साथ ये मॉड्यूल सुरक्षित नीचे ले आए।

    5- अनमैन्‍ड फ्लाइट अगले साल

    Test Vehicle Abort Mission-1 (TVD1) के बाद तीन और टेस्ट फ्लाइट D2, D3 व D4 भेजा जाएगा। अगले वर्ष के प्रारंभ में ISRO पहला अनमैन्ड मिशन प्लान कर सकता है।

    इसके तहत ह्यूमेनॉयड रोबोट यानी एकदम मानव शक्‍ल के रोबोट व्योममित्र को भेजा जाएगा। इसकी सफलता के बाद इंसान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। उम्मीद है कि देश की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान 2025 में होगी। 

    6- समुद्र में लैंडिंग

    मिशन के मुताबिक टेस्‍टिंग के दौरान पहले क्रू मॉड्यूल को ऊपर ले जाया जाएगा, फिर 17 किमी की हाइट से Abort जैसी Situation पैदा की जाएगी।

    फिर क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो जाएगा। क्रू मॉड्यूल को करीब 2 किमी दूर ले जाया जाएगा और श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूरी पर समुद्र में लैंड कराया जाएगा।

    7- क्रू मॉड्यूल को जानिए...

    स्पेस फ्लाइट के उस भाग को क्रू मॉड्यूल कहते हैं जिसके अंदर बैठकर Astronauts धरती के चारों ओर 400 किलोमीटर की ऊंचाई वाली निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे।

    एस्‍ट्रोनॉट्स के लिए कई तरह की सुविधाओं से लैस क्रू मॉड्यूल केबिन जैसा है। जिसमें एस्‍ट्रोनॉट्स के लिए कई इसमें स्वास्थ्य सिस्टम, नेविगेशन सिस्टम, फूड हीटर और टॉयलेट आदि सुविधाएं होंगी। इसके अंदर का हिस्‍सा अंतरिक्ष के रेडिएशन से एस्‍ट्रोनॉट्स को बचाएगा साथ ही टेम्पेरेचर फ्रेंडली भी है।

    यह भी पढ़ेंः Mission Gaganyaan: अब भारत की मुट्ठी में होगा अंतरिक्ष, मानव मिशन गगनयान से जुड़े पहले ट्रायल का काउंटडाउन शुरू

    8- गगनयान मिशन का बजट

    सरकार ने इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए तकरीबन 90.23 अरब रुपए का बजट आवंटित किया है। तीन दिन का यह मिशन देश का पहला Human Space Mission है। 

    9- स्पेशल ट्रेनिंग ले रहे Astronauts 

    इस खास मिशन के लिए एस्‍ट्रोनॉट्स को बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में खास ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्‍हें फिजिकल, क्लासरूम, फिटनेस, सिम्युलेटर व फ्लाइट सूट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    10- PM Modi ISRO की हाई लेवल मीटिंग

    पीएम मोदी ने Gaganyaan Mission की पहली टेस्ट उड़ान से पहले इसरो के साइंटिस्ट्स के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करने और 2040 तक पहले भारतीय को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य लेकर चलने को कहा।