गगनयान मिशन: DRDO ने बनाया अंतरिक्ष यात्रियों के लिए स्पेशल फूड और पैराशूट
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) गगनयान मिशन के लिए विशेष भोजन और पैराशूट सिस्टम विकसित कर रहा है। यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसमें तीन अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा। डीआरडीओ ने इन तकनीकों का सफल परीक्षण किया है। इसरो 2 नवंबर को एलवीएम3 रॉकेट के साथ सीएमएस-03 संचार उपग्रह लॉन्च करेगा, जो विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा।

DRDO ने विकसित किए स्पेशल फूड और पैराशूट। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 'गगनयान' मिशन के लिए विशेष भोजन और पैराशूट सिस्टम विकसित किए हैं। गगनयान मिशन में पृथ्वी की 400 किलोमीटर पर स्थित निचली कक्षा में तीन अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा। इसके बाद पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी कराई जाएगी। यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा।
डीआरडीओ के इलेक्ट्रानिक्स और संचार महानिदेशक डॉ. बीके. दास ने बताया कि डीआरडीओ ने इन तकनीकों का सफल परीक्षण भी हो चुके है। उन्होंने कहा, हमने गगनयान मिशन के लिए आवश्यक विशेष खाद्य पदार्थ और पैराशूट के लिए विशेष प्रणाली विकसित की है। हमारे पास ऐसे विशेष तकनीक भी हैं जिन पर अंतरिक्ष यात्री निर्भर रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने ऐसी कई तकनीकें विकसित की हैं जिनका उपयोग सशस्त्र बलों और अंतरिक्ष मिशनों — दोनों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे चरण के परीक्षण प्रयोगशालाओं और बाहरी परिस्थितियों में किए गए हैं, जिनके परिणाम बेहद संतोषजनक रहे। कुछ और काम बाकी है और यह जल्द ही पूरा हो जाएगा।
इसरो दो नवंबर को लांच करेगा एलवीएम3-एम5 सेटेलाइट
इसरो दो नवंबर को अपने एलवीएम 3 राकेट के साथ सीएमएस-03 संचार उपग्रह लॉन्च करेगा। इसरो ने कहा, सीएमएस-03 मल्टी-बैंड संचार उपग्रह है जो भारतीय भूभाग सहित विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा। लगभग 4400 किलोग्राम वजन वाला सीएमएस-03, भारतीय धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी संचार उपग्रह होगा।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस/एएनआई के इनपुट के साथ)
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