Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तीन कंपनियों में गडकरी की पत्‍‌नी व बेटे शेयरहोल्डर

    अपनी कंपनी में गलत तरीके से निवेश का आरोप झेल रहे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। अब खुलासा हुआ है कि गडकरी की पूर्ति पावर एंड शुगर में पैसा लगाने वाली 1

    By Edited By: Updated: Sun, 25 Nov 2012 11:48 AM (IST)

    नागपुर। अपनी कंपनी में गलत तरीके से निवेश का आरोप झेल रहे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। अब खुलासा हुआ है कि गडकरी की पूर्ति पावर एंड शुगर में पैसा लगाने वाली 18 कंपनियों में उनकी पत्नी, बेटे, भांजे, पूर्ति के वाइस चेयरमैन और ड्राइवर न सिर्फ शेयरहोल्डर थे, बल्कि डायरेक्टर भी थे। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि पूर्ति में निवेश करनी वाली 18 कंपनियों ने इसके अलावा पूर्ति एंड महात्मा शुगर एंड पावर में भी पैसा लगाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्ति ग्रुप में निवेश करने वाली 18 कंपनियों में से तीन कंपनियों-जेसिका मर्केटाइल, निलय मर्केटाइल और जैनम मर्केटाइल में गडकरी की पत्नी कंचन, उनके बेटे निखिल व सारंग और भांजे संदीप ने पैसा लगाया था। इन्होंने इन कंपनियों में 2009-10 में निवेश किया था। गडकरी स्वयं 10 अप्रैल 2000 से 27 अगस्त 2011 के बीच पूर्ति के चेयरमैन थे। हालांकि अभी गडकरी के पास पूर्ति के सिर्फ 370 शेयर हैं।

    गडकरी के भांजे संदीप ने अपना निवास बुल्ढाणा शुगर एंड पावर बताया है। ये वही कंपनी है जिसमें गडकरी के ड्राइवर मनोहर पंसे डायरेक्टर हैं।

    गडकरी के परिवार की इन तीनों कंपनियों में एक बात समान दिखाई देती है, वह यह कि कंपनी शुरू करने वाले अमित पांडे और राहुल दूबे ने इनमें अपने शेयर कंचन, निखिल, सारंग और संदीप के नाम कर दिए थे। ये सब कंपनी शुरू होने के सिर्फ एक से तीन महीने के भीतर हुआ। इसी दौरान पूर्ति के दो कर्मचारी इन कंपनियों में डायरेक्टर भी बने।

    कुछ दिनों पहले आरएसएस से जुड़े गुरुमूर्ति ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को बताया था कि इन कंपनियों में पैसा लगाने के पीछे नागपुर के एक व्यवसायी मनीष मेहता का हाथ है, जो अब मुंबई शिफ्ट कर गया है। मेहता पूर्ति में जुलाई 2000 से दिसंबर 2002 और 29 दिसंबर 2010 से 28 सितंबर 2011 के बीच डायरेक्टर थे। गुरुमूर्ति ने सारा दोष मेहता के सिर मढ़ दिया था और कहा था कि उन्होंने पूर्ति छोड़ने से पहले कंपनी में 47 करोड़ रुपये लगाए थे। हालांकि अभी इन 18 कंपनियों में गडकरी के परिवार का कोई हिस्सा नहीं है। लेकिन गडकरी के परिवार वालों के अपने शेयर हस्तांतरण के बाद ही इन कंपनियों के डायरेक्टर और उनके पते बदले गए।

    पूर्ति में शेयर पैटर्न में एक और गड़बड़ी नजर आती है वो यह है कि महात्मा शुगर एंड पावर में पैसा लगाने वाली गडकरी के परिवार की इन तीनों कंपनियों के निवेश दस्तावेजों में खामियां दिखाई देती हैं। महात्मा शुगर पूर्ति ग्रुप की ही कंपनी है। निलय मर्केटाइल की 2010-11 की बैलेंस शीट के अनुसार कंपनी ने पूर्ति में 1.5 लाख और महात्मा शुगर में 55 लाख रुपये लगाए हैं।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर