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    गडकरी ने कहा- लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने के लिए कार्गो परिवहन की क्षमता बढ़ानी होगी

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Tue, 30 Jun 2020 10:03 PM (IST)

    गडकरी ने कहा कि अगर वापसी की उड़ान में कोई यात्री विमान खाली रह जाए तो उसे पर भी माल ढोने में प्रयोग किया जा सकता है।

    गडकरी ने कहा- लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने के लिए कार्गो परिवहन की क्षमता बढ़ानी होगी

    नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत को लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने के लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में पुराने सैन्य व अन्य विमानों को कार्गो कैरियर में बदलने की संभावना पर भी विचार किया जाना चाहिए। डोमेस्टिक एयर कार्गो एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यह बात कही।

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    गडकरी ने कहा- विकसित देशों में लॉजिस्टिक्स की लागत आठ फीसद है, भारत में 13 फीसद

    वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, 'कृषि उत्पाद, मछली व अन्य उत्पादों का परिवहन देश के समक्ष बड़ी समस्या है। हमें लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने के लिए कार्गो परिवहन की क्षमता बढ़ानी होगी। इस बात की भी जरूरत है कि रक्षा क्षेत्र के और विमानन कंपनियों के पास खड़े पुराने विमानों को कार्गो कैरियर के रूप में प्रयोग किया जाए।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकसित देशों में लॉजिस्टिक्स की लागत आठ फीसद के बराबर है, जो भारत में 13 फीसद है।

    गडकरी ने कहा- पुराने विमानों को कार्गो कैरियर बनाया जाए

    गडकरी ने कहा कि पुराने विमानों का प्रयोग विदेश में सामान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। इनमें अनुबंध के आधार पर पायलट की नियुक्ति की जा सकती है। उन्होंने एसोसिएशन से फिलहाल बंद चल रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज के बेड़े में खड़े विमानों के इस्तेमाल की संभावनाओं पर भी विचार करने को कहा। उन्होंने एसोसिएशन से कहा कि वह विभिन्न एयरपोर्ट के आसपास इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर भी विचार करे। एयरपोर्ट के आसपास कूलिंग प्लांट आदि बनाने की दिशा में भी काम हो। गडकरी ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) 17 ऐसे हाईवे स्ट्रेच तैयार कर रहा है, जिनका एयरस्टि्रप के रूप में भी प्रयोग किया जा सकेगा।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा- भारत के पास कृषि उत्पाद, फल, सब्जी एवं मछली के निर्यात की बड़ी क्षमता है

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के पास कृषि उत्पाद, फल, सब्जी एवं मछली के निर्यात की बड़ी क्षमता है। एक लाख करोड़ रुपये का मौजूदा मत्स्य पालन का कारोबार छह लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि नागपुर से संतरे व झींगे का और नासिक से प्याज व अंगूर का निर्यात किया जा सकता है। इसी तरह बिहार से लीची का निर्यात भी संभव है। हालांकि इनके निर्यात में फायदा तभी है जब लॉजिस्टिक्स की लागत कम की जा सके।

    किसी सफर से खाली लौट रहे विमानों में भी सामान लाने के विकल्प पर हो विचार

    उन्होंने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। गडकरी ने कहा कि अगर वापसी की उड़ान में कोई यात्री विमान खाली रह जाए, तो उसे पर भी माल ढोने में प्रयोग किया जा सकता है। एसोसिएशन ने बताया कि भारत में कुल माल ढुलाई के एक से दो फीसद के लिए ही एयर कार्गो का प्रयोग होता है।