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    किसी भी फूड प्रोडक्ट्स पर ORS लिखने से पहले करना होगा ये काम, वरना होगी कार्रवाई

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 12:54 PM (IST)

    एफएसएसएआई ने खाद्य उत्पादों के ब्रांड नामों में ORS शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अब किसी भी ब्रांड को उत्पाद पर ORS का लेबल लगाने से पहले WHO से मंजूरी लेनी होगी। एफएसएसएआई ने सभी कंपनियों को उत्पादों के नाम में ORS शब्द का प्रयोग न करने का आदेश दिया है। नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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    FSSAI का फूड कंपनियों को नया आदेश

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने फूड प्रोडक्ट्स के ब्रांड नामों में ORS शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। एफएसएसएआई ने निर्देश दिया है कि कोई भी ब्रांड किसी उत्पाद पर ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ORS) का लेबल तब तक नहीं लगा सकता, जब तक कि उस उत्पाद को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अप्रूव्ड न किया गया हो।

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    दरअसल, एफएसएसएआई ने खाद्य उत्पादों को लेकर सभी कंपनियों के लिए ये आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया कि कोई भी कंपनी खाद्य या पेय उत्पाद के नाम में “ORS” शब्द नहीं जोड़ सकती। सभी कंपनियों को अपने प्रोडेक्ट्स से “ORS” शब्द हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

    पुराने आदेश में दी गई थी अनुमति

    बता दें कि पहले 14 जुलाई 2022 और 2 फरवरी 2024 के आदेशों में ओआरएस" शब्द जोड़ने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, उत्पाद पर यह चेतावनी हो कि यह डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित ओआरएस फॉर्मूला नहीं है। पुराने आदेश के मुताबिक, ORS शब्द को ब्रांड नाम के शुरुआत या अंत में जोड़ने के अनुमति दी गई थी। लेकिन अब इस आदेश को रद कर दिया गया है।

    कानून का उल्लंघन

    एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एफएसएसएआई आदेश जारी करते हुए साफ कर दिया है कि खाद्य उत्पाद जैसे फलों पर आधारित पेय, नॉन-कार्बोनेटेड ड्रिंक, रेडी-टू-ड्रिंक बेवरेज आदि में ORS शब्द का उपयोग चाहे वो नाम के शुरुआत या अंत में क्यों ना हो, कानून का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा करने वाली कंपनियों पर उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला और FSSAI Act, 2006 की धारा 23 और 24 का उल्लंघन माना जाएगा।

    यही नहीं 8 अप्रैल 2022 का “भ्रामक विज्ञापन और ORS जैसी दिखने वाली प्रोडक्ट्स पर कार्रवाई” वाला आदेश जारी रहेगा। लेबलिंग और विज्ञापन से जुड़े सभी शर्तों का पालन करना होगा। नियम तोड़ने पर धारा 52 और 53 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। कंपनियां सिर्फ उसी प्रोडक्ट्स पर ORS लिख सकती है, जिसे WHO द्वारा अप्रूव्ड किया गया हो।