बैंक में अधिकारी बनने का था मन, ख्याल बदला और 53वीं रैंक के साथ आशीष कुमार बन गए IAS
आशीष कुमार का सपना था कि वह बैंक में अधिकारी बनें लेकिन बाद में उनका ख्याल बदला गया। उन्होंने तैयारी की और दूसरे प्रयास में ही व आईएएस अधिकारी बन गए। इस लेख में विस्तार से उनके बारे में जानें-

नई दिल्ली, जेएनएन। IAS अधिकारी बनने के लिए हर युवा दिन-रात सपना देखता है। एकाग्रता और लगन से पढ़ाई करने वाले छात्र इसके लिए पूरी तरह समर्पित रहते हैं। आप सभी ये जानते होंगे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा बहुत कठिन होती है। इसमें सफल होने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
इस परीक्षा में सफल होने के लिए हर छात्र की अपनी अलग एक कहानी होती है, जो सभी को प्रेरित करती हैं। इनमें से ही एक कहानी है आशीष कुमार की आइए इस खबर में जानें उनके कामयाबी की कहानी-
आशीष कुमार के बारे में
आशीष कुमार मूल रूप से बिहार के सारण जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के सारण जिले में हुआ था। उनके पिता राजकुमार सिन्हा मिरिक में एक चाय बागान में प्रबंधक हैं। आशीष ने अपनी प्राथमिक शिक्षा कर्सियांग में की वहीं, माध्यमिक शिक्षा सुकना के आर्मी पब्लिक स्कूल से पूरी की।
पहले बैंकिंग क्षेत्र में जाने का था मन
आशीष का शुरू से ही बैंकिंग क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मन था। इसके लिए उन्होंने स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद दिल्ली से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया। उनका पूरा मन था कि जब वह अपनी पढ़ाई पूरी कर ले, तो वह बैंकिंग क्षेत्र में जाएंगे। हालांकि, यहां आने के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि वह अपने गांव के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। ऐसे में यहां रहते हुए उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा।
पीजी के बाद शुरू की आइएएस बनने की तैयारी
आशीष ने स्नातक के बाद अपनी पीजी की पढ़ाई भी दिल्ली से की। साल 2017 में अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। इसके लिए उन्होंने पारंपरिक पुस्तकों के साथ अन्य पुस्तकों से पढ़ना शुरू किया। आशीष ने यूपीएससी की तैयारी होने के बाद अपना पहला प्रयास किया। दरअसल, वह अपने पहले प्रयास में सिर्फ कुछ अंकों से परीक्षा को पास करने से चूक गए थे।
दूसरे प्रयास में हासिल की 53वीं रैंक
आशीष ने अपना दूसरा प्रयास किया। इस बार उन्होंने नोट्स बनाने के साथ मॉक टेस्ट पर भी ध्यान दिया। उन्होंने दूसरी बार सिविल सेवा परीक्षा दी, तो उन्होंने 53वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिया।
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