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टीपू सुल्तान के काल के मिले 1 हजार रॉकेट, युद्ध में होते थे इस्तेमाल

कर्नाटक के शिवमोगा जिले के एक गांव में खुदाई के दौरान टीपू सुल्तान के काल के करीब 1,000 रॉकेट मिले हैं।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 29 Jul 2018 11:42 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jul 2018 11:48 AM (IST)
टीपू सुल्तान के काल के मिले 1 हजार रॉकेट, युद्ध में होते थे इस्तेमाल
टीपू सुल्तान के काल के मिले 1 हजार रॉकेट, युद्ध में होते थे इस्तेमाल

बेंगलुरु (एजेंसी)। कर्नाटक में मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के समय के एक हजार से ज्यादा रॉकेट मिले हैं। पुरातत्व विभाग के मुताबिक, यह रॉकेट 18वीं सदी के हैं और इनका इस्तेमाल टीपू के द्वारा युद्ध में किया जाता था। यह रॉकेट एक किले के पास खुदाई में मिले। कर्नाटक के शिवमोगा जिले में बिदानुरु किले के पास मजदूर शनिवार को खुदाई कर रहे थे। खुदाई के दौरान कुएं के पास मजदूरों को यह रॉकेट मिले हैं। इनमें पोटेशियम नाइट्रेट, चारकोल और मैगनीशियम पाउडर भरा था।

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इन सभी रॉकेट को 'शिवप्पा नायक म्यूजियम' में रखा जाएगा। बता दें कि इससे पहले 2012 में भी शिवमोगा में ही 160 रॉकेट मिले थे। इसके अलावा टीपू सुल्तान के समय के कुछ रॉकेट लंदन म्यूजियम में भी रखे गए हैं। ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक, शिवमोगा पहले मैसूर रियासत का हिस्सा था। तब 1750 से 99 के बीच टीपू और ब्रिटिश सेना के बीच कई युद्ध लड़े गए। तब टीपू ने दुश्मनों पर इन्हीं रॉकेट का इस्तेमाल किया था और जीत हासिल की थी।

गौरतलब है कि टीपू सुल्तान ने ब्रिटिश सेना से मुकाबले के लिए आधुनिक युद्ध तकनीकों का इस्तेमाल किया था। उनका नाम देश के पहले ऐसे शासक के तौर पर दर्ज है, जो समूह को निशाना बनाने वाले रॉकेटों के इस्तेमाल की सैन्य युद्धनीति देश में लेकर आए थे।


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