पूर्व टीएमसी नेता शाहजहां ने हड़पी तीन हजार से ज्यादा परिवारों की जमीन, सीबीआई ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
सीबीआइ ने बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली के पूर्व टीएमसी नेता शेख शाहजहां पर तीन हजार से ज्यादा परिवारों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरो ...और पढ़ें

पूर्व टीएमसी नेता शाहजहां ने हड़पी तीन हजार से ज्यादा परिवारों की जमीन (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। सीबीआइ ने बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली के पूर्व टीएमसी नेता शेख शाहजहां पर तीन हजार से ज्यादा परिवारों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है।
सीबीआइ ने कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में लगाया आरोप
सीबीआइ की ओर से इस संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट में एक रिपोर्ट सौंपी गई है। बता दें कि शाहजहां के खिलाफ गांव की महिलाओं का यौन शोषण करने का भी आरोप लगा है। वह अभी जेल में है।
सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में तीन हजार से अधिक शिकायतों का उल्लेख किया है, जिसमें लोगों ने कहा है कि शाहजहां व उसके साथियों ने जबरन उनकी जमीन हड़प ली है। रिपोर्ट में कहा है कि जो लोग अपनी जमीन नहीं देना चाहते थे, उनकी जमीन का स्वरूप बदलने के लिए उसमें खारा पानी डाला गया। किसानों को पानी के भाव अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर किया गया।
राशन घोटाला मामले में शाहजहां के घर गई थी
आरोप है कि बाद में शाहजहां व उसके साथियों ने उस जमीन पर झींगा पालन केंद्र खोल दिए। पांच जनवरी, 2024 को जब ईडी की एक टीम राशन घोटाला मामले में शाहजहां के घर गई थी, तो उस पर हमला कर दिया गया था।
अधिकारी किसी तरह जान बचाकर लौटे थे। मामले की 55 दिनों की जांच के बाद सीबीआइ ने शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआइ की जांच के दौरान जमीन पर जबरन दखल करने का मामला सामने आया।
अदालत ने सच्चाई का पता लगाने के लिए सीबीआइ को जांच करने का निर्देश दिया। सीबीआइ ने वहां कैंप लगा लोगों की शिकायतें लीं। सीबीआइ ने दावा किया कि ज्यादातर शिकायतों में सही सुबूत मिले हैं।
भाजपा नेता की हत्या में एनआइए ने फरार आरोपित टीएमसी कार्यकर्ता को किया गिरफ्तार
पूर्व मेदिनीपुर के मयना में भाजपा नेता विजयकृष्ण भुइयां की हत्या के मामले में एनआइए ने फरार आरोपित टीएमसी के कार्यकर्ता बुद्धदेव मंडल को गिरफ्तार किया है। हत्या एक मई, 2023 को हुई थी।
भाजपा के बाकचा अंचल के बूथ अध्यक्ष विजय भुइयां की हत्या में कई टीएमसी नेताओं-कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए थे। कुल 34 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी और आठ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। आरोपितों की सूची में बुद्धदेव भी शामिल था, लेकिन वारदात के बाद से वह फरार चल रहा था।

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