पूर्व सैनिक ने जीते जी खुद किया अपना श्राद्ध, 1100 गांव वालों को खिलाया भोज
एक भूतपूर्व सैनिक ने जीवित रहते हुए अपना श्राद्ध कर्म किया। उन्होंने इस अवसर पर अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों के 1100 लोगों को भोजन कराया। यह अनूठी घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

पूर्व सैनिक ने जीते जी खुद किया अपना श्राद्ध। (प्रतीकात्मक)
जागरण संवाददाता, कोलकाता : बंगाल के पूर्व बर्द्धमान जिले के केतुग्राम थाना क्षेत्र के दासपाड़ा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पूर्व सैनिक ने अपने जीते जी ही खुद श्राद्ध कार्यक्रम आयोजित किया और इसमें लगभग 1100 गांव वालों को निमंत्रण भी दिया। गांववाले श्राद्ध भोज का ऐसा न्योता पाकर हैरान भी थे।
पूर्व सैनिक का नाम शांति दास है। शांति दास ने सभी को खाना खिलाकर अपना श्राद्ध खुद किया। अपना श्राद्ध खुद करने के बाद शांति ने कहा कि वह अपने बच्चों पर बोझ नहीं डालना चाहते थे इसलिए ऐसा किया। शांति की पत्नी पहले ही गुजर चुकी थीं। पूर्व सैनिक का एक बेटा और एक बेटी है, जिससे उनके रिश्ते अच्छे नहीं हैं।
उनका कहना है कि उन्होंने मुक्ति की आकांक्षा और मन की शांति के लिए पिछले बुधवार को अपना श्राद्ध कर्म खुद किया। लगभग 1100 गांववाले एक जिंदा इंसान के श्राद्ध का भोज खाने के लिए पहुंचे। वे हैरान थे लेकिन वे बुजुर्ग शांति से कुछ कह नहीं पाए।
दूसरी तरफ, बुजुर्ग के दोनों बच्चे अपने पिता की इस पहल के बारे में मुंह खोलने से हिचकिचा रहे थे। वे चुपचाप देखते रहे। 78 साल के बुजुर्ग कहते हैं कि वे बहुत समय से सोच रहे थे। मन ही मन तैयारी करके उन्होंने अपने जीते जी अपना श्राद्ध कर्म खुद करने का फैसला किया।
शांति ने कहा-'मैं जिंदगी में सब कुछ अपने हाथों से करना चाहता हूं। मरने के बाद कौन क्या करेगा, यह सोचने का कोई मतलब नहीं है। श्राद्ध में आए कुछ लोगों ने कहा कि यह बहादुरी का काम है। अपनी जीवन की मुक्ति और आत्मनिर्भरता का उदाहरण है।

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