चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न, पीएम मोदी ने किया बड़ा एलान
देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक डॉक्टर एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया जाएगा। पीएम मोदी ने शुक्रवार को खुद ये बड़ा एलान किया है। पीएम ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। पीएम ने कहा कि यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम मोदी ने शुक्रवार को बड़ा एलान किया है। एक ही दिन में देश की तीन हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न मिलेगा।
चरण सिंह की प्रतिबद्धता से देश प्रेरित
मोदी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
उन्होंने ये भी लिखा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
नरसिम्हा राव ने की देश सेवा
पीएम ने अपनी अगली पोस्ट में लिखा कि नरसिम्हा राव ने एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। पीएम ने ये भी लिखा कि प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों के लिए याद किया जाएगा। उनके कार्यकाल में भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया गया था, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।
हरित क्रांति के जनक को भी भारत रत्न
देश में हरित क्रांति के जनक कहने जाने वाले एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का एलान किया गया है। पीएम ने पोस्ट में लिखा कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।
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