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    Chandrayaan 3 गेम चेंजर साबित होगा, अंतरिक्ष विज्ञान के शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल होगा भारत: नंबी नारायणन

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Thu, 13 Jul 2023 09:28 PM (IST)

    ISRO scientist Said About Chandrayaan-3 Launch इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने गुरुवार को कहा कि इसकी सफल सॉफ्ट लैंडिंग से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा और इससे देश में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने ये भी कहा कि इससे भारत को वैश्विक अंतरिक्ष कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। (फाइल फोटो)

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    गेम चेंजर साबित होगा चंद्रयान-3ः नंबी नारायणन। फाइल फोटो।

    तिरुवनंतपुरम, पीटीआई। Chandrayaan 3 Mission, Chandrayaan 2 भारत के सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रमा की ओर लॉन्च किया जाएगा। वहीं, चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने गुरुवार को कहा कि इसकी सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा और इससे देश में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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    वैश्विक अंतरिक्ष कारोबार में मिलेगी मदद

    उन्होंने कहा कि इससे भारत को वैश्विक अंतरिक्ष कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में 600 अरब डॉलर के अंतरिक्ष उद्योग में भारत की हिस्सेदारी बेहद कम दो प्रतिशत है। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ने कहा कि चूंकि भारत अब प्रौद्योगिकी विकास में निजी भागीदारी को आमंत्रित कर रहा है, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक स्टार्टअप के प्रवेश की गुंजाइश भी बढ़ेगी।

    अंतरिक्ष स्टार्टअप पर क्या बोले नारायणन?

    उन्होंने कहा

    कई खिलाड़ियों के लिए अपना काम शुरू करना बहुत मायने रखता है। उदाहरण के लिए, मुझे लगता है कि कई स्टार्टअप आएंगे, और यहां तक ​​कि हमारे पास जो स्टार्टअप हैं, उनके पास बेहतर फंडिंग होगी। कई दूसरे देश भी अपने स्टार्टअप के साथ यहां आ सकते हैं या किसी मौजूदा स्टार्टअप में शामिल हो सकते हैं।

    देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

    उन्होंने कहा कि सफल चंद्रयान-3 मिशन अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा। चंद्रयान-2 चंद्रमा पर उतरने में कामयाब रहा था, लेकिन कुछ सॉफ्टवेयर और यांत्रिक समस्याओं के कारण सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल रहा। नारायणन ने कहा कि अब अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने इसके हर पहलू पर चार साल तक काम किया है और उन्हें 'सॉफ्ट लैंडिंग' की उम्मीद है।

    23 या 24 अगस्त तक का करना होगा इंतजार

    उन्होंने कहा कि अन्य देशों की तुलना में, ऐसे अभियानों पर हमारा खर्च बहुत कम है। मिशन की सफलता जानने के लिए हमें 23 या 24 अगस्त तक इंतजार करना होगा क्योंकि लैंडिंग उन्हीं तारीखों पर होगी।