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    Odisha News: बंगाल से ओडिशा पहुंचा पूर्व CM बीजू पटनायक का पसंदीदा विमान डकोटा, काफी एतिहासिक है यह Aircraft

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 18 Jan 2023 10:34 PM (IST)

    बीजू पटनायक (बीजू बाबू) का बेहद पसंदीदा विमान डकोटा ओडिशा पहुंच गया है। यह ऐतिहासिक विमान भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर रखा गया है। सैन्य परिवहन विमान डकोटा डिशा की राजनीति में टाल मैन के नाम से प्रसिद्ध बीजू पटनायक के जीवन और स्मृति से जुड़ा हुआ है।

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    ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और पायलट बीजू पटनायक (बीजू बाबू) का बेहद पसंदीदा विमान डकोटा ओडिशा पहुंच गया।

    जेएनएन, नई दिल्ली : ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और पायलट बीजू पटनायक (बीजू बाबू) का बेहद पसंदीदा विमान डकोटा ओडिशा पहुंच गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता से भुवनेश्वर लाए जाने की प्रक्रिया मंगलवार रात से शुरू हुई। यह ऐतिहासिक विमान भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर रखा गया है। सैन्य परिवहन विमान डकोटा डिशा की राजनीति में टाल मैन के नाम से प्रसिद्ध बीजू पटनायक के जीवन और स्मृति से जुड़ा हुआ है। एरो स्पेस रिसर्च एंड डेवलपमेंट संस्था के इंजीनियर विमान को भुवनेश्वर लेकर पहुंचे। आठ टन वजनी डकोटा विमान लगभग 64 फुट आठ इंच लंबा है और इसके पंख 95 फुट तक फैले हुए हैं।

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    इंडोनेशिया के पीएम को निकाला था सुरक्षित

    21 जुलाई, 1947 को नीदरलैंड और ब्रिटिश सेना ने इंडोनेशिया के जावा और कालीमनटन में तत्कालीन पीएम सुतन सजहरिर को नजरबंद कर दिया था। इतिहासकार अनिल धीर ने बताया कि बीजू पटनायक ने 1947 में इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुतन सजहरिर को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए इस विमान का इस्तेमाल किया था। इंडोनेशिया ने सजहरिर को बचाने के लिए दो बार बीजू पटनायक को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भूमिपुत्र' से अलंकृत किया था।

    सक्रिय राजनीति में आने से पहले बीजू पटनायक ने कलिंग एयरलाइंस की स्थापना की थी जो कलकत्ता (अब कोलकाता) से संचालित होती थी। अनिल बताते है कि बीजू पटनायक ब्रिटिश शासन के तहत शाही भारतीय वायुसेना के सदस्य भी थे। उन्होंने कई खतनाक अभियानों को अंजाम दिया था। बीजू पटनायक ने विमान के जरिये गुप्त रूप से भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया था। बंटवारे के समय 1947 में श्रीनगर से भारतीय सेना को एयरलिफ्ट कर पाकिस्तान की सीमाओं में ले जाना हो, गोला-बारूद और दवाओं का परिवहन करना हो या इंडोनेशियाई प्रधानमंत्री को डचों के चंगुल से बचाना हो, डकोटा इन सभी कार्यों में साहसी पायलट बीजू पटनायक का साथी था।

    कलिंग एयरलाइंस का हिस्सा

    डकोटा विमान कलिंगा एयरलाइंस का हिस्सा है, जिसकी स्थापना बीजू पटनायक ने की थी। एयरलाइंस के पास कोलकाता में अपने मुख्यालय में डकोटा सहित एक दर्जन विमान थे। इतिहासकार अनिल धीर का कहना है कि कलिंगा एयरलाइंस में सबसे ज्यादा 14 विमान थे, जिनमें से नौ दुर्घटनाग्रस्त हो गए जबकि एक इंडोनेशिया में है, दूसरा ओडिशा लाया गया। क¨लगा एयरलाइंस के बाकी तीन विमानों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

    जब कमजोर पड़ गई थी महाराजा हरि सिंह की सेना

    27 अक्टूबर, 1947 में जम्मू-कश्मीर प्रांत में अशांति थी। महाराजा हरि सिंह के शासनकाल को चुनौती देने के लिए दो महीने पहले बना पाकिस्तान राज्य को अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास कर रहा था। पाकिस्तानी सेना की मदद के कारण पख्तून कबायली आतंकियों के सामने महाराजा हरि सिंह की सेना कमजोर पड़ रही थी। धीरे-धीरे हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि पाकिस्तानी सेना के पास श्रीनगर पर कब्जा करने के लिए महज 30 किलोमीटर का रास्ता बचा था।

    अंत में हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी। हरि सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से अनुरोध किया। उन्होंने सेना भेजी और श्रीनगर की रक्षा करने का अनुरोध किया। ऐसी कठिन परिस्थिति में बीजू पटनायक और डकोटा ने अद्वितीय भूमिका निभाई।

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