नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह को मिली SC से राहत, भ्रष्टाचार मामले में CBI द्वारा गिरफ्तारी पर लगाई रोक
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल की दलीलों पर ध्यान दिया कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा मामले में उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर करने के बाद आरोपी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है। पीठ ने अब याचिका को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह को भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से राहत दे दी है। यह वही मामला है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दिसंबर 2011 में आठ दिनों में 954 करोड़ रुपये के 1,280 रखरखाव अनुबंधों को निष्पादित किया था।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल की दलीलों पर ध्यान दिया कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा मामले में उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर करने के बाद आरोपी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है।
'याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी'
वरिष्ठ वकील ने कहा कि मामले में तीन साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी और अब उन्हें ताजा पूरक आरोप पत्र दाखिल होने के मद्देनजर नई गिरफ्तारी की आशंका है। पीठ ने जमानत के लिए सिंह की नई याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए कहा, ''याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।''
'याचिकाकर्ता को जमानत देना उचित समझते हैं'
शीर्ष अदालत ने 2019 में कहा था, “पक्षों के विद्वान वकील को सुनने के बाद, हम ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए नियमों और शर्तों के अधीन, याचिकाकर्ता को जमानत देना उचित समझते हैं। हालांकि, चूंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को यह आशंका है कि अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया, तो सबूतों/गवाहों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है, इसलिए प्रतिवादी के पास इसे रद करने के लिए आवेदन करने का विकल्प खुला होगा...।"
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।