पूर्व सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ जांच की स्टेटस रिपोर्ट तलब
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की एसआइटी से पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ चल रही जांच का विस्तृत ब्योरा देते हुए ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की विशेष जांच टीम (एसआइटी) से सीबीआइ के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ चल रही जांच का विस्तृत ब्योरा देते हुए ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। पूर्व निदेशक पर सरकारी हैसियत का दुरुपयोग करते हुए कोयला घोटाला मामले की जांच में कटौती का प्रयास करने का आरोप है। शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआइ से कोयला घोटाला के लंबित मामले और उसकी सुनवाई के स्तर की ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
जस्टिस एमबी लोकुर की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने एसआइटी से सिन्हा के खिलाफ आरोपों की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा। यही पीठ कोयला घोटाला मामले की सीबीआइ और ईडी द्वारा की जा रही जांच की निगरानी कर रही है। विशेष पीठ में जस्टिस कुरियन जोसफ और जस्टिस एके सीकरी भी शामिल हैं। पीठ ने कोर्ट से अनुमति लिए बगैर कोयला घोटाला मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का तबादला या उन्हें हटाने पर रोक लगाने के पूर्व के आदेश की याद भी दिलाई है।
पीठ ने कहा, 'एसआइटी की जांच का दायरा रंजीत सिन्हा द्वारा अधिकार का दुरुपयोग करने की जांच तक ही सीमित है। सिन्हा ने कोयला घोटाला मामले में सीबीआइ द्वारा चल रही जांच और पूछताछ में कटौती की थी। 15 जनवरी 2018 तक की स्टेटस रिपोर्ट है। 31 दिसंबर 2018 तक की ताजा स्टेटस रिपोर्ट 15 जनवरी 2019 को या उससे पहले सौंपी जाए।'
कोयला घोटाला मामले में शीर्ष अदालत द्वारा विशेष सरकारी अभियोजक नियुक्त किए गए वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने कहा कि वह एसआइटी की ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करेंगे। शीर्ष अदालत ने पूर्व में सीबीआइ के विशेष निदेशक एमएल शर्मा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था। यह कदम सिन्हा के खिलाफ कोयला घोटाला मामले में जांच को प्रभावित करने के प्रयास के आरोपों की प्रथम दृष्टया जांच के लिए उठाया गया था।
पीठ ने सुदीप श्रीवास्तव की अर्जी पर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड एवं अन्य को भी नोटिस जारी किया है। श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत के 2014 के आदेश के बावजूद एक संयुक्त उपक्रम को कोल ब्लॉक आवंटित किया गया। इस उपक्रम में अडणी इंटरप्राइजेज की 74 फीसद हिस्सेदारी है जो अस्वीकार्य है।