पूर्व अग्निवीरों को नए साल पर सरकार का तोहफा, BSF कांस्टेबल भर्ती में 50% कोटा, MHA ने जारी किया नोटिफिकेशन
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पूर्व अग्निवीरों के लिए कांस्टेबल भर्ती में कोटा 10% से बढ़ाकर 50% कर दिया है। गृह मंत्रालय ने बीएसएफ अधिनियम, 1968 की धार ...और पढ़ें

बीएसएफ में पूर्व अग्निवीरों के लिए खुशखबरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने पूर्व अग्निवीरों को नए साल पर बड़ी खुशखबरी दी है। बीएसएफ ने पूर्व अग्निवीरों के लिए पोस्ट रिजर्वेशन को बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने बीएसएफ में कांस्टेबल भर्ती के लिए पूर्व अग्निवीरों का कोटा 10 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एक्ट, 1968 (1968 का 47) की धारा 141 की उप-धारा (2) के क्लॉज (b) और (c) द्वारा दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, जनरल ड्यूटी कैडर (नॉन-गैजेटेड) भर्ती नियम, 2015 में और संशोधन करने के लिए नियम बनाती है। इन नियमों को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, जनरल ड्यूटी कैडर (नॉन-गैजेटेड) भर्ती (संशोधन) नियम, 2025 कहा जाएगा। ये नियम 18 दिसंबर से लागू हो गए हैं।
क्या है नियम?
नियमों के अनुसार, BSF में पचास प्रतिशत वैकेंसी हर भर्ती वर्ष में पूर्व अग्निवीरों के लिए, दस प्रतिशत पूर्व सैनिकों के लिए और तीन प्रतिशत तक सालाना वैकेंसी में से कॉम्बैटाइज्ड कांस्टेबल (ट्रेड्समैन) को सीधी भर्ती द्वारा शामिल करने के लिए आरक्षित होंगी।
पहले फेज में, नोडल फोर्स द्वारा पूर्व अग्निवीरों के लिए रिजर्व पचास प्रतिशत वैकेंसी के लिए भर्ती की जाएगी। दूसरे फेज में, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा पूर्व अग्निवीरों के अलावा अन्य उम्मीदवारों के लिए बाकी सैंतालीस प्रतिशत (जिसमें दस प्रतिशत पूर्व सैनिक शामिल हैं) वैकेंसी के लिए भर्ती की जाएगी, साथ ही पहले स्टेज में एक खास कैटेगरी में पूर्व अग्निवीरों की खाली रह गई वैकेंसी को भी भरा जाएगा। महिला उम्मीदवारों के लिए वैकेंसी की गणना हर साल डायरेक्टर जनरल बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स द्वारा काम की जरूरत के आधार पर की जाएगी।
मिलेगी ये छूट
इसमें डायरेक्ट भर्ती और आयु सीमा में छूट का प्रावधान किया गया है। पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) से पूरी तरह छूट दी जाएगी। क्योंकि, अग्निवीर पहले ही सेना में कठोर प्रशिक्षण से गुजर चुके होते हैं। इसलिए उन्हें फिजिकल टेस्ट से मुक्त रखने का फैसला लिया गया है।

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