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    हल्दी बोर्ड के गठन से हल्दी की खेती को मिलेगा प्रोत्साहन, PM Modi ने क‍िया था National Board के गठन का एलान

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Wed, 04 Oct 2023 10:49 PM (IST)

    भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वर्ष 2022-23 में 11.61 लाख टन का उत्पादन भारत में हुआ था। देश के 20 से अधिक राज्यों में हल्दी की खेत ...और पढ़ें

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    भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा से सप्ताह भर के भीतर ही केंद्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। यह बोर्ड देश में हल्दी की खेती और उसके उत्पादों के विकास पर ध्यान देगा। जागरूकता लाने एवं खपत के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार की तलाश करेगा। इससे छोटे एवं सीमांत किसानों के अर्थतंत्र में सुधार होगा।

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    भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक

    भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है। वर्ष 2022-23 में 11.61 लाख टन का उत्पादन भारत में हुआ था। यह वैश्विक उत्पादन का 75 प्रतिशत से अधिक है। भारत में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं।

    देश के 20 से अधिक राज्यों में हल्दी की खेती होती है। सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में होता है। हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत है। 2022-23 के दौरान 380 से अधिक निर्यातकों द्वारा 20.74 अरब डालर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया गया था। भारतीय हल्दी के लिए प्रमुख बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया हैं।

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    देश में होगी उच्च गुणवत्ता वाली हल्दी की खेती

    केंद्र सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य के लिहाज से हल्दी के प्रति अभिरुचि दुनिया भर के देशों में बढ़ रही है। ऐसे में बोर्ड के माध्यम से हल्दी के नए उत्पादों में अनुसंधान, विकास एवं वृद्धि को बढ़ावा दिया जाएगा। मूल्य-वर्धित हल्दी उत्पादों के लिए पारंपरिक ज्ञान को भी विकसित किया जाएगा।

    साथ ही किसानों को मसाला बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अधिक समन्वय की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। हल्दी किसानों की भलाई एवं समृद्धि में योगदान को भी बढ़ाने का प्रयास होगा, ताकि अगली उपज के लिए उन्हें बेहतर कीमत मिल सके। बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसान उच्च गुणवत्ता वाली हल्दी की खेती करें। वैश्विक बाजारों में निर्यातकों की स्थिति भी बेहतर बनी रहे।

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