दो साल में डेढ़ हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा वन क्षेत्र, मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी द्विवार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में देश में वनों व पेड़ों का क्षेत्र 2261 वर्ग किलोमीटर बढ़ गया है। इसमें वन क्षेत्र में 1540 वर्ग किलोमीटर और वृक्षावरण यानी ट्री कवर का क्षेत्र 721 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश में पेड़ों और वनों को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। वन क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी द्विवार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 की तुलना में देश में वनों व पेड़ों का क्षेत्र 2,261 वर्ग किलोमीटर बढ़ गया है। इसमें वन क्षेत्र में 1,540 वर्ग किलोमीटर और वृक्षावरण यानी ट्री कवर का क्षेत्र 721 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। इन दो वर्षो में आंध्र प्रदेश में जंगल सबसे ज्यादा बढ़े हैं। जलवायु परिवर्तन के खतरों के निपटने के प्रयासों में बढ़ती हरियाली मददगार होगी। रिपोर्ट में चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में वन क्षेत्र कम हुआ है। अरुणाचल प्रदेश में वन क्षेत्र में सर्वाधिक कमी आई है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को देश में हरियाली को लेकर फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया द्वारा तैयार इंडिया स्टेट आफ फारेस्ट रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 की तुलना में वन क्षेत्र में 0.22 प्रतिशत और ट्री कवर में 0.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब कुल वन क्षेत्र व ट्री कवर 8.09 करोड़ हेक्टेयर में है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.62 प्रतिशत है। राष्ट्रीय वन नीति में कुल भौगोलिक क्षेत्र के 33 फीसद हिस्से को हरा-भरा करने का लक्ष्य रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में वनों का कुल अनुमानित कार्बन स्टाक 720.4 करोड़ टन है। इसमें 2019 की तुलना में 7.94 करोड़ टन की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश में वनों के संरक्षण और पौधारोपण का काम तेजी से चल रहा है। नेशनल ग्रीन मिशन के तहत जल्द ही कुछ और नई योजनाएं लाने की तैयारी है। उन्होंने कहा, 'हम ग्रीन मिशन के दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं। 2030 तक भारत ने कार्बन स्टाक में ढाई से तीन अरब टन वृद्धि का लक्ष्य रखा है। ट्री कवर बढ़ाने के लिए नगर वन योजना लाई गई है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वन संरक्षण की दिशा में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की रोजगार सुरक्षा और अन्य सुविधाओं की दिशा में भी मंत्रालय काम कर रहा है। उन्होंने निजी क्षेत्र से आगे आने और पौधारोपण करने की अपील भी की।
मध्यम सघन वन क्षेत्र घटा
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो साल में देश में मध्यम सघन वन क्षेत्र 1582 वर्ग किमी कम हुआ है। मध्यम सघन वन क्षेत्र वह है, जिसमें पौधों का घनत्व 40 से 70 प्रतिशत तक होता है। वहीं अत्यंत सघन वन क्षेत्र वह है जिसमें पौधों का घनत्व 70 प्रतिशत से ज्यादा होता है। 10 से 40 प्रतिशत तक घनत्व वाले क्षेत्रों को खुला वन क्षेत्र की श्रेणी में रखा जाता है।
पूर्वोत्तर के राज्यों ने बढ़ाई चिंता
पूर्वोत्तर के राज्यों की स्थिति चिंता बढ़ाने वाली है। इन राज्यों में वन क्षेत्र 1,020 वर्ग किमी कम हुआ है। अरुणाचल प्रदेश में सर्वाधिक 257 वर्ग किमी की कमी आई है। मणिपुर में 249 वर्ग किमी, नगालैंड में 235 वर्ग किमी, मिजोरम में 186 वर्ग किमी और मेघालय में 73 वर्ग किमी का वन क्षेत्र कम हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।