नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मुंबई और बैंगलुरू में खुलेंगे चार विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस, शिक्षा मंत्री ने किया एलान
शिक्षा मंत्रालय ने भारतीय छात्रों के विदेश पलायन को रोकने के लिए चार और विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर खोलने की अनुमति दी है। इनमें ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया यूनिवर्सिटी वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय लॉ-ट्रोब और ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी शामिल हैं। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति को भारत-2047 के सपने को साकार करने का मिशन बताया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के दुनिया के दूसरे देशों में होने वाले पलायन को थामने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने चार और शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों को देश में अपने परिसर खोलने की मंजूरी दी है।
इनमें आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया यूनिवर्सिटी को नोयडा में, वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय को ग्रेटर नोयडा में, लॉ-ट्रोब को बेगलुरू में और ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी को मुंबई में परिसर की अनुमति दी गई है।
चार अन्य यूनिवर्सिटी को जल्द मिलेगी अनुमति
इसके साथ ही आने वाले दिनों में चार अन्य विदेशी विश्वविद्यालयों को भी जल्द ही अनुमति देने का फैसला लिया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अमल को पांच साल पूरा होने के मौके पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विकसित भारत-2047 के हमारे सपने की दिशा में आगे बढ़ने के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारा राष्ट्रीय मिशन है। पिछले 5 वर्षों में हम एनईपी के जरिए हमने में शिक्षा में बड़े बदलाव लाए है। हालांकि हमें इससे संतुष्ट होने की जरूरत नहीं है बल्कि और ताकत से इसके अमल को रफ्तार देनी है।
उन्होंने कहा कि भारतीयता ही एनईपी का मूल मंत्र है। वैज्ञानिक शिक्षा, नवाचार, अनुसंधान, भारतीय ज्ञान परंपरा, भारतीय भाषाओं को केंद्र में रखते हुए हम शिक्षा को राष्ट्र निर्माण के वृहद उद्देश्य से जोड़ रहे हैं। प्रधान की मौजूदगी में इस दौरान में इन सभी विदेशी विश्वविद्यालयों को यह अनुमति दी है।
किस-किस ने खोले परिसर
इस मौके पर प्रधान ने बताया कि अब तक 11 विदेशी विश्वविद्यालयों को परिसर खोलने की मंजूरी दी गई है। इनमें गिफ्ट सिटी(गुजरात) में मौजूद विदेशी विश्वविद्यालयों को छोड़ दे तो अब तक तीन विदेशी विश्वविद्यालयों ने देश में अपना परिसर खोल दिया है। जबकि चार विश्वविद्यालयों को मंगलवार को सहमति पत्र सौंपे गए है,चार अन्य विदेशी विश्वविद्यालयों को जल्द ही सहमति पत्र दे दिया जाएगा।
इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में दर्जन भर से अधिक राज्यों के शिक्षा मंत्री के अतिरिक्त बड़ी संख्या में शिक्षाविद, कुलपति, शिक्षक आदि मौजूद थे।
चारों विदेशी विश्वविद्यालयों पर एक नजर
- ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी: ग्रेटर नोएडा के कैंपस में स्नातक यानी बीए में बिजनेस एनालिटिक्स और बिजनेस मार्केटिंग के अलावा स्नातकोत्तर में नवोन्मेषण व उद्यमिता, एमबीए की पढ़ाई।
- ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी: यह नोएडा में कैंपस बनाएगी। अंडर ग्रेजुएट से जुड़े बिजनेस, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा और पोस्ट ग्रेजुएशन में एमबीए, आईटी में मास्टर के कोर्स संचालित करेगी।
- ऑस्ट्रेलिया की लॉ ट्रोब यूनिवर्सिटी: यह बेंगलुरु कैंपस में खोलेगी। यूजी में बिजनेस, (फाइनेंस, मार्केटिंग, मैनेजमेंट), कंप्यूटर साइंस (एआई, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग) और जन स्वास्थ्य आदि की पढ़ाई होगी।
- ब्रिटेन का ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी: 2026 से मुंबई में अपना परिसर शुरू करेगी। प्रौद्योगिकी, नवाचार और कला क्षेत्रों में पढ़ाई कराने की तैयारी में है। यूजी और पीजी कार्यक्रमों के अलावा एआई, डिजाइन पर भी कोर्स शुरू करेगी।
अब तक 11 विदेशी विवि को मंजूरी मिल चुकी है
यूजीसी अब तक जिन 11 विदेशी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दे चुकी है, उनमें गुरुग्राम में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय, बेंगलुरू में लिवरपूल विवि, मुंबई में यॉर्क विश्वविद्यालय व एबरडीन विश्वविद्यालय शामिल है।
मुंबई और चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया का वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय, मुंबई में इटली का इंस्टीट्यूटो यूरोपियो डिजाइन, यूएसए की इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बेगलुरू में ऑस्ट्रेलिया का ला-ट्रोब विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोयडा में वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, नोयडा में विक्टोरिया विश्वविद्यालय, मुंबई में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय को परिसर खोलने की मंजूरी दी गई है। इनमें साउथेप्टन जैसे कई विश्वविद्यालयों ने काम शुरू कर दिया है।
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