भारत की दो टूक, विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा - परस्पर आदर से ही तय होगा चीन से रिश्ता
श्रृंगला का यह बयान भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद आया है। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत चीन के साथ रिश्तों को आपसी आदर भाव के आधार पर द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाना चाहिए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत ने चीन के समक्ष स्पष्ट कर दिया है कि अगर दोनों देशों के रिश्तों को तनावरहित बनाना है और सीमा पर अमन व शांति बनाए रखनी है तो उसके लिए क्या करना होगा। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला का कहना है कि चीन के साथ रिश्तों का भविष्य तीन परस्पर व्यवहारों से तय होगा। ये हैं- एक दूसरे का आदर करना, एक दूसरे की संवेदनाओं का ख्याल रखना और एक दूसरे के हितों का ध्यान रखना।
भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद आया ये बयान
श्रृंगला का यह बयान भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद आया है जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि भारत चीन के साथ रिश्तों को सभ्यताओं के टकराव के संदर्भ में नहीं देखता और दोनों देशों को आपसी आदर भाव के आधार पर द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाना चाहिए।इंवेस्टर इंडिया समिट को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने पूरे वैश्विक हालात और इसकी चुनौतियों से लड़ने में जुटी भारतीय कूटनीति की कोशिशों के बारे में बताया। चीन की तरफ से पिछले वर्ष लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन को बेहद गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि इसने पूरे हालात को काफी बदल दिया और अमन व शांति को भारी नुकसान पहुंचाया। भारत ने चीन को कई बार यह बताया है कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध रहें, इसके लिए जरूरी है कि सीमा पर भी अमन व शांति हो।
अफगानिस्तान के हालात को भारत के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण बताया
श्रृंगला ने अफगानिस्तान के हालात को भारत के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण बताया और कहा कि वहां जो हो रहा है उसका पूरे क्षेत्र पर असर होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की अफगानिस्तान को लेकर भावी नीति वहां की जनता के प्रति दोस्ताना रवैये से ही तय होगी। अभी वहां की स्थिति काफी तेजी से बदल रही है और हम लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वहां मानवीय आधार पर सहायता पहुंचाना बहुत जरूरी है, लेकिन यह भी जरूरी है कि यह मदद अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के जरिये पहुंचाई जाए।
भारत ने सुरक्षा को लेकर कई तरह के बदलाव किए
चीन के साथ सैन्य तनाव और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के बारे में विदेश सचिव ने कहा, इससे हमें यह सीख मिलती है कि सुरक्षा को लेकर कई तरह के बदलाव हुए हैं, लेकिन पारंपरिक तौर पर मौजूद सुरक्षा संबंधी चुनौतियां वैसी ही बनी हुई हैं। उनकी नजर में तीन तरह की गतिविधियां वैश्विक कूटनीति में बनती दिख रही हैं जो वैश्विक गतिविधियों को तय करेंगी। उनकी नजर में एशिया के वैश्विक गतिविधियों के केंद्र में होने, चीन का उद्भव और अंतरराष्ट्रीय सिस्टम पर बढ़ते दबाव को मेगाट्रेंड के तौर पर देखा जा सकता है।