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    पहली बार सेना की दो महिला अधिकारी उड़ाएंगी लड़ाकू हेलीकाप्टर, इसके लिए नासिक में दिया जाएगा प्रशिक्षण

    2018 में भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग आफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रच दिया था। वह लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने पहली उड़ान मिग-21 बाइसन में भरी थी। कड़ी चयन प्रक्रिया में सिर्फ दो महिला अधिकारी ही सफल हो पाईं।

    By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Thu, 10 Jun 2021 06:51 AM (IST)
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    कड़ी चयन प्रक्रिया में सिर्फ दो महिला अधिकारी ही सफल हो पाईं।

    नई दिल्ली, प्रेट्र। एक ऐतिहासिक घटनाक्रम के तहत सेना ने अपनी दो महिला अधिकारियों को विमानन विंग के लिए लड़ाकू हेलीकाप्टर पायलट के तौर पर प्रशिक्षण के लिए चुना है। यह चयन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे द्वारा महिलाओं को पायलट के रूप में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के छह महीने बाद किया गया है।

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    दोनों महिला अधिकारियों को कांबैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा

    सेना की विमानन विंग में अभी तक महिलाओं को सिर्फ एयर ट्रैफिक कंट्रोल और ग्राउंड ड्यूटी की ही अनुमति थी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों चयनित महिला अधिकारियों को महाराष्ट्र के नासिक स्थित कांबैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

    In a first, two women officers to operate helicopters from warships

    कड़ी चयन प्रक्रिया में सिर्फ दो महिला अधिकारी ही सफल हो पाईं

    उन्होंने बताया कि 15 महिला अधिकारियों ने सेना की विमानन विंग में शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन कड़ी चयन प्रक्रिया में सिर्फ दो अधिकारी ही सफल हो पाईं। प्रशिक्षण अवधि सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद दोनों अधिकारी अगले साल जुलाई में फ्लाइंग ड्यूटी कर सकेंगी।

    अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला

    याद दिला दें कि 2018 में भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग आफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रच दिया था। वह लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने पहली उड़ान मिग-21 बाइसन में भरी थी।