इनकम टैक्स भरने वालों के लिए बुरी खबर, सरकार की इस योजना का नहीं मिलेगा लाभ; जानिए पूरी बात
तमाम राज्यों से इस तरह की शिकायतें आती रही हैं कि ऐसे लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं जो अपात्र हैं और आयकर का भुगतान करते हैं। इस कारण अब आयकर विभाग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अपात्र लोगों को लाभार्थियों की सूची से हटाने के लिए खाद्य मंत्रालय के साथ आंकड़े साझा करेगा। यानी अब अपात्र लोगों को मुफ्त राशन नहीं मिलेगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। आयकर विभाग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अपात्र लोगों को लाभार्थियों की सूची से हटाने के लिए खाद्य मंत्रालय के साथ आंकड़े साझा करेगा।
असल में आयकर विभाग के सामने ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें इनकम टैक्स अदा करने वाले लोग भी पीएमजीकेएवाई के तहत राशन ले रहे हैं। बता दें कि पीएमजीकेएवाई के तहत उन गरीब परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाता है जो आयकर का भुगतान नहीं करते हैं।
राज्यों से मिल रही थी शिकायत
तमाम राज्यों से इस तरह की शिकायतें आती रही हैं कि ऐसे लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जो अपात्र हैं और आयकर का भुगतान करते हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में पीएमजीकेएवाई के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया है, जो कि चालू वित्त वर्ष के 1.97 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक है।
पीएमजीकेएवाई को देश में कोविड-19 महामारी से हुए पैदा हुए आर्थिक गतिरोधों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली मुश्किलें कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। हालांकि, सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की अवधि एक जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दी है।
मंत्रालय को दी जाएगी जानकारी
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक आदेश में कहा है कि आयकर महानिदेशक (सिस्टम) को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के संयुक्त सचिव को जानकारी देने का अधिकार होगा।
- डीजीआइटी (सिस्टम) को डीएफपीडी कर निर्धारण वर्ष के साथ आधार या पैन नंबर मुहैया कराएगा। यदि पैन दिया गया है या दिया गया आधार पैन से जुड़ा हुआ है, तो डीजीआइटी (सिस्टम) आयकर विभाग के डाटाबेस के अनुरूप निर्धारित आय के संबंध में डीएफपीडी को जवाब देगा।
आयकर डाटाबेस से होगी जांच
यदि लाभार्थी का आधार नंबर आयकर डाटाबेस में किसी भी पैन से नहीं जुड़ा है, तो डीजीआइटी (सिस्टम) इसकी सूचना डीएफपीडी को देगा। सूचना पेश करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए डीजीआइटी (सिस्टम) डीएफपीडी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) करेगा।
एमओयू में डाटा के हस्तांतरण का तरीका, गोपनीयता बनाए रखना, डाटा के सुरक्षित संरक्षण के लिए तंत्र, उपयोग के बाद छंटाई आदि शामिल होंगे।
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