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    500 असहाय बुजुर्गों को खिलाते हैं खाना, बीमार पड़ने पर चिकित्सा सेवाएं भी करते है प्रदान

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jan 2020 10:52 AM (IST)

    तुलसी राम अपने साथियों के साथ हर महीने नियमित रूप से उनके घरों में राशन पहुंचाते हैं। बीमार पड़ने पर उन्हें चिकित्सा सेवाएं भी प्रदान करते हैं।

    500 असहाय बुजुर्गों को खिलाते हैं खाना, बीमार पड़ने पर चिकित्सा सेवाएं भी करते है प्रदान

    कोलकाता, प्रकाश पांडेय। बुजुर्गों के लिए उनके बच्चे बुढ़ापे का सहारा होते हैं लेकिन कई लोगों के बुढ़ापे की लाठी खुद एक बुजुर्ग हैं। ये शख्स हैं 68 साल के तुलसी राम मंत्री। बंगाल के हावड़ा जिले के रहने वाले तुलसी राम 500 असहाय बुजुर्गों को नियमित रूप से राशन मुहैया कराते हैं। उन्होंने अपनों की उपेक्षा के शिकार इन लोगों को आजीवन राशन मुहैया कराने का संकल्प लिया है। तुलसी राम अपने साथियों के साथ हर महीने नियमित रूप से उनके घरों में राशन पहुंचाते हैं। बीमार पड़ने पर उन्हें चिकित्सा सेवाएं भी प्रदान करते हैं।

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    तुलसी राम ने बताया, इस अभियान की शुरुआत 2001 में छगनलाल भकड़ नामक एक बुजुर्ग ने की थी। उन्हीं की मुहिम को मैं आगे बढ़ा रहा हूं। शुरू में 15 बुजुर्गों को महीनेभर का राशन मुहैया कराया जाता था। धीरे-धीरे संख्या बढ़ती गई। आज करीब 500 बुजुर्गों को आजीवन राशन मुहैया कराने के संकल्प के साथ हम अग्रसर हैं। उन्होंने आगे कहा, बुजुर्गों को आजीवन राशन प्रदान करने को हमने लॉयंस क्लब ऑफ हावड़ा ग्रेटर बी टू की ओर से फूड फॉर लाइफ योजना की शुरुआत की। इस योजना के लिए दान करने वाले भी आगे आ रहे हैं। हम इस योजना का भविष्य में और विस्तार करेंगे ताकि निराश हो चुके असहाय बुजुर्गों को फिर समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेर सके। तुलसी राम का इस नेक पहल में अजय सिंह समेत अन्य सहयोग करते हैं।

    तुलसी राम ने कहा, पहले हम अन्य लोगों की तरह विशेष अवसरों पर कंबल आदि वितरित कर सेवा धर्म का पालन करते थे, लेकिन सही मायने में छगनलाल भकड़ हमारे लिए प्रेरणास्नोत बने। उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलकर हमने इस योजना की शुरुआत की। आज हमें उस वक्त बेहद खुशी होती है, जब राशन देते वक्त बुजुर्ग हमें आशीष देते हैं। योजना से लाभान्वित हो रहीं 69 साल की दुर्गावी देवी ने कहती हैं, जिस बेटे के लिए अपनी हर इच्छा को त्यागकर उसकी हर ख्वाहिश पूरी की, आज उसी ने मुंह मोड़ लिया। चौतरफा अंधेरे के समय तुलसी उम्मीद की किरण बनकर आए।