जुबीन गर्ग की मौत केस: पांच आरोपितों को दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत, फैन्स ने कर डाला बवाल
गुवाहाटी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को इस मामले में सात में से पांच आरोपितों को दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जुबीन गर्ग की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपितों को बक्सा जिला जेल ले जाते समय उग्र भीड़ ने कुछ वाहनों पर हमला किया, उन्हें आग लगा दी और उनके काफिले पर पथराव किया।

जुबीन मौत मामले में पांच आरोपितों को दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत (फाइल फोटो)
आइएएनएस, मुंबई। असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की आकस्मिक मौत की जांच जोर पकड़ रही है। गुवाहाटी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को इस मामले में सात में से पांच आरोपितों को दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इन पांचों आरोपितों में से एक जुबीन का मैनेजर और दूसरा उनका चचेरा भाई है।
पहले ये आरोपी एसआईटी के सामने पेश हुए
असम के विशेष पुलिस महानिदेशक मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा कि इस मामले में बुधवार को तीन और असमिया प्रवासी - सुष्मिता गोस्वामी, प्रतिम भुइयां और देबोज्योति हजारिका एसआइटी के समक्ष पेश हुए और उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए।
11 लोगों को समन जारी किया गया
गुप्ता नेकहा कि जिन 11 लोगों को समन जारी किया गया था, उनमें से 10 पहले ही एसआइटी के समक्ष पेश हो चुके हैं। केवल एक व्यक्ति वाजेद अहमद का अभी आना बाकी है। चूंकि वह सिंगापुर का नागरिक है, इसलिए कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कामरूप जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बालोराम क्षेत्री की अदालत ने आरोपितों - श्यामकानु महंत, सिद्धार्थ शर्मा, संदीपन गर्ग, परेश वैश्य और नंदेश्वर बोरा को पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अन्य दो आरोपितों शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत की पुलिस रिमांड 17 अक्टूबर को समाप्त होगी।
सभी सात आरोपितों को 19 सितंबर को जुबीन की मृत्यु के बाद गिरफ्तार किया गया था
सभी सात आरोपितों को 19 सितंबर को जुबीन की मृत्यु के बाद गिरफ्तार किया गया था। श्यामकानु महंत सिंगापुर में नार्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक हैं, जिसमें जुबीन शामिल होने गए थे। सिद्धार्थ शर्मा मैनेजर हैं और संदीपन, जुबीन के चचेरे भाई एवं असम राज्य पुलिस में एक पुलिस अधिकारी भी हैं। सिद्धार्थ और संदीपन दोनों जुबीन के अंतिम क्षणों के दौरान घटनास्थल पर मौजूद थे।
महंत भी कार्यक्रम के सिलसिले में सिंगापुर में थे, लेकिन घटना के समय कथित अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे। असम पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआइडी) के विशेष जांच दल (एसआइटी) ने जुबीन की मौत के सिलसिले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए उन्हें गिरफ्तार किया था।
प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प, जेल के बाहर वाहनों में आग लगाई
जुबीन गर्ग की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपितों को बक्सा जिला जेल ले जाते समय उग्र भीड़ ने कुछ वाहनों पर हमला किया, उन्हें आग लगा दी और उनके काफिले पर पथराव किया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
इंटरनेट और मोबाइल डाटा सेवाएं बंद
जिला आयुक्त गौतम दास ने बताया कि मुशालपुर कस्बे और जेल के आसपास के इलाकों में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जबकि पूरे बक्सा जिले में अगले आदेश तक इंटरनेट और मोबाइल डाटा सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों, पत्रकारों और स्थानीय निवासियों सहित कई लोग घायल हुए और वाहनों के शीशे तोड़ दिए गए।
जेल के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए
मुशालपुर इलाके में जेल के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए और जैसे ही आरोपितों को जेल ले जाने वाले वाहनों का काफिला पहुंचा, उन्होंने वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने तो यह भी मांग की कि ''जबीन को न्याय'' दिलाने के लिए आरोपितों को जनता के हवाले कर दिया जाए।
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