Hydrogen Train: भारत में जल्द दौड़ेगी हाइड्रोजन ट्रेन! रेलवे ने किया सफल परीक्षण; कैसे करता है ये काम?
भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन से चलने वाली पहली ट्रेन कोच का सफल परीक्षण किया जो हरियाणा के जींद में हुआ। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि को सोशल मीडिया पर साझा किया। यह तकनीक हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम पर आधारित है जिससे प्रदूषण नहीं होता। इस पहल से भारत हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगा और 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने एक अहम उपलब्धि हासिल की है। देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन कोच (First Hydrogen Powered Train Coach) का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण हरियाणा के जींद में रेलवे की वर्कशॉप में किया गया।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सफल परीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया। उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "भारत वर्तमान में 1,200 एचपी हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन विकसित कर रहा है, जो देश को हाइड्रोजन ट्रेन तकनीक में वैश्विक अग्रणी देशों में शामिल कर देगा। यह भारत को रेल परिवहन के लिए हाइड्रोजन का उपयोग करने वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल करता है।"
First Hydrogen powered coach (Driving Power Car) successfully tested at ICF, Chennai.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) July 25, 2025
India is developing 1,200 HP Hydrogen train. This will place India among the leaders in Hydrogen powered train technology. pic.twitter.com/2tDClkGBx0
बता दें कि हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें न तो डीजल और न ही बिजली की सप्लाई लाइन पर निर्भर रहती है। सवाल ये है कि आखिर ये ट्रेन चलेगी कैसे?
दरअसल, ट्रेन यह तकनीक हाईड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम पर काम करती है। ट्रेन इंजन में लगे टैंक में हाइड्रोजन गैस भरी रहती है। वहीं, ऑक्सीजन को हवा के माध्यम से ली जाती है। जब दोनों आपस में मिलते हैं तो एक रासायनिक क्रिया की शुरुआत होती है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने के बाद बिजली का संचार होता है जो, मोटर को पावर देती है।
जानकारी के मुताबिक, ट्रेन में बैटरी का भी इस्तेमाल किया जाता है। यानी तेज स्पीड या चढ़ाई वाले रास्ते पर बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। ‘
ग्रीन फ्यूचर’ की दिशा में बड़ा कदम
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को है। हाइड्रोजन ट्रेन से कार्बन डाइऑक्साइड या जहरीली गैस नहीं निकलती, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। हाइड्रोजन ट्रेन भारत के ‘ग्रीन फ्यूचर’ की दिशा में बड़ा कदम है।
फ्रांस और जर्मनी में पहले से ही हाइड्रोजन प्रणाली से ट्रेनें चल रही हैं।भारतीय रेलवे के इस कदम से एक तो हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। दूसरा 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का जो लक्ष्य को हासिल करने में यह एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
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