RBI के केंद्रीय बोर्ड के साथ हुई वित्त मंत्री की बैठक, अगले हफ्ते पेश हो सकता है इनकम टैक्स बिल
आम बजट 2025-26 में वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 12.75 लाख रुपये सालाना की आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे आयकरदाताओं के पास कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है। इसके बाद आरबीआइ ने रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है। वित्त मंत्री ने कहा है कि वह अगले हफ्ते इनकम टैक्स बिल पेश करेंगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम बजट में आय कर छूट की घोषणा और उसके बाद मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को घटाने के फैसले का असर देश की इकोनॉमी पर बेहद सकारात्मक होगा। यह खपत बढ़ाने के साथ ही निवेश बढ़ाने में भी मदद करेगा। यह बात विदेश मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआइ के केंद्रीय बोर्ड के साथ बजट बाद होने वाली पारंपरिक बैठक के बाद कही है।
वित्त मंत्री ने एक दिन पहले कैबिनेट की तरफ से मंजूर नये आयकर विधेयक के बारे में यह जानकारी दी कि इसे अगले हफ्ते ही वह संसद में पेश करने की कोशिश करेंगी। विधेयक को संसदीय समिति को सौंपे जाने के आसार है। हालांकि विधेयक को कानून का रूप देने में ज्यादा विलंब नहीं होगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, "आम बजट के बाद मेरी कारोबारी जगत के लोगों के साथ जो विमर्श हुआ है उससे संकेत मिला है कि अगली तिमाही (अप्रैल से जून) के लिए एफएमसीजी क्षेत्र में मांग बढ़ने वाली है। उद्योग जगत को इसके लिए अभी से आर्डर मिलने लगे हैं। देश में खपत बढ़ने की पूरी संभावना है और उद्योग जगत उसके लिए तैयारी कर रहा है। इसकी वजह से कारोबारी लोग अपनी क्षमता बढ़ाने में जुट गये हैं।"
खपत का चक्र शुरू होने के बाद इन उद्योगों की तरफ से नये निवेश भी किये जाएंगे। मैं साफ तौर पर एक सकारात्मक संकेत देख रही हूं। खास तौर पर एक दिन पहले आरबीआइ के फैसले के बाद इस दिशा में ज्यादा समन्वय होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
आयकर अधिनियम को लेकर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
आम बजट 2025-26 में वित्त मंत्री ने आम आयकरदाताओं को एक बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि 12.75 लाख रुपये सालाना की आय वाले व्यक्तियों को कोई कर नहीं देना होगा। इससे आयकरदाताओं के पास कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है, जिसका एक बड़ा हिस्सा वह कई उत्पादों या सेवाओं की खरीद में करेंगे। इसके बाद आरबीआइ ने रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है। ब्याज दरों को घटाने वाला यह फैसला पांच वर्षों बाद हुआ है इससे होम लोन और आटो लोन सस्ता होगा। इससे भी देश में मांग बढ़ने की संभावना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और आरबीआइ आगे भी देश में मांग बढ़ाने और महंगाई पर काबू पाने के लिए साथ मिलकर कोशिश करेंगे। आयकर अधिनियम के बारे में सीतारमण ने कहा कि, “कैबिनेट की मंजूरी के बाद मेरी कोशिश होगी कि इसे अगले हफ्ते ही संसद में पेश किया जाए। इसके बाद यह संसदीय समिति को भेजी जाएगी।''
भारत को निवेश के लिए आकर्षक जगह बनाई जाए: वित्त मंत्री
संसदीय समिति की रिपोर्ट के बाद इसे फिर से कैबिनेट को भेजा जाएगा। उन्होंने सीमा शुल्क में कटौती के बारे में पूछे गये सवाल पर बताया कि यह प्रक्रिया दो वर्षों से चल रही है और इसके तहत किसी देश को निशाना नहीं बनाया गया है। कोशिश यह है कि भारत को निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल बनाया जाए लेकिन साथ ही आत्मनिर्भर भारत की योजना के साथ सामंजस्य बनाना भी हमारा मकसद है। खास तौर पर छोटे व मझोले औद्योगिक इकाइयों को लेकर अगर शुल्क सुरक्षा देने की जरूरत होगी तो सरकार वह कदम उठाएगी।
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