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    'सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी', ममता बनर्जी ने नाम लिए बिना भाजपा पर बोला जोरदार हमला

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 02:14 AM (IST)

    बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शनिवार को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने की बरसी पर नाम लिए बिना भाजपा पर जोरदार न ...और पढ़ें

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    'सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी', ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाताबंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शनिवार को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने की बरसी पर नाम लिए बिना भाजपा पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि कुछ निहित स्वार्थों की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

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    तृणमूल छह दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के दिन हर साल संहति दिवस (सद्भाव दिवस) के रूप में मनाती है।


    इस अवसर पर कोलकाता के मेयो रोड स्थित गांधी प्रतिमा के पास पार्टी द्वारा दोपहर में एक विशाल समावेश (रैली) का आयोजन किया गया, हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के सांसद व राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी इसमें शामिल नहीं हुए।

    वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने रैली को संबोधित किया। पिछले साल भी ममता इसमें शामिल नहीं हुई थीं।

    दूसरी ओर, भाजपा ने इस दिन परंपरागत रूप से शौर्य दिवस के रूप में मनाया। पार्टी द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकाली गईं। वहीं, वामपंथी दलों ने संप्रीति दिवस के रूप में मनाया। 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने की निंदा करते हुए पार्टी द्वारा कई स्थानों पर जुलूस निकाला गया।

     

    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जो लोग देश को बर्बाद करने के लिए सांप्रदायिकता की आग भड़काने का खेल खेल रहे हैं, उनके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। इसके साथ ही, उन्होंने लोगों से इस मौके पर राज्य में शांति और सद्भाव की विरासत को बहाल करने की भी अपील की।

    'बंगाल की धरती एकता की धरती ह

    संहति दिवस पर अपने संदेश में ममता ने कहा कि एकता ही शक्ति है। बंगाल की धरती एकता की धरती है। यह धरती रवींद्रनाथ टैगोर, कवि नजरुल और रामकृष्ण-विवेकानंद की धरती है। इस धरती ने कभी भी बंटवारे के आगे सिर नहीं झुकाया है और न ही आने वाले दिनों में झुकाएगी।

    ममता ने कहा कि बंगाल में सभी धर्मों के लोग कंधे से कंधा मिलाकर चलना जानते हैं। हम अपनी खुशियां बांटते हैं। हमारा मानना है कि धर्म किसी का होता है, लेकिन त्योहार सभी के होते हैं।

    भाजपा और हिंदू संगठनों ने बंगाल में शौर्य दिवस रैलियां निकाली

    बंगाल भाजपा और हिंदू संगठनों ने विवादित ढांचा ढहाए जाने दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाया और राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई रैलियां निकाली गई। बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी भी शौर्य दिवस रैली में शामिल हुए।

     

    इस दिन तृणमूल के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखने के सवाल पर सुवेंदु ने इसे खतरनाक कदम करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह यह एक राजनीतिक उद्देश्य से किया गया है और इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मिलीभगत है।

    कांग्रेस ने कोलकाता में सद्भावना रैली निकाली

    वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने धार्मिक आधार पर धुवीकरण करने के कथित प्रयासों के खिलाफ नारे लगाते हुए शनिवार को सद्भावना रैली के तहत कोलकाता में एक मस्जिद से मंदिर तक एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार्च निकाला।

    पार्टी ने लोगों से छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद के दिनों को वापस न लाने का आह्वान किया। रैली एस्प्लेनेड स्थित टीपू सुल्तान मस्जिद से शुरू हुई और सेंट्रल एवेन्यू होते हुए जोरासांको क्षेत्र में राम मंदिर के सामने समाप्त हुई।

     

    प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने कहा, हम यह संदेश देना चाहते हैं कि मंदिर और मस्जिद बनाने से भूखमरी दूर नहीं होगी और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं। हम लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उन्हें धार्मिक पहचान के आधार पर बांटने की राजनीति के खिलाफ हैं। शुभंकर सरकार और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस रैली में शामिल हुए।