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    जानिए कैसे फास्टैग से चमकेगी NHAI की किस्मत और जिससे देश में बढ़ेगा सड़क निर्माण

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jan 2020 08:39 PM (IST)

    सड़क मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार फास्टैग के कारण 31 दिसंबर तक राष्ट्रीय राजमार्गो पर दैनिक टोल संग्रह 60 करोड़ रुपये से बढ़कर 90 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

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    जानिए कैसे फास्टैग से चमकेगी NHAI की किस्मत और जिससे देश में बढ़ेगा सड़क निर्माण

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। फास्टैग लागू होने से अगले वित्तीय वर्ष के दौरान एनएचएआइ के टोल संग्रह में 15 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना है। परिणामस्वरूप अगले वर्ष एनएचएआइ की सरकार पर निर्भरता कम होगी और वो अपने बूते पर सड़क परियोजनाओं को रफ्तार को बढ़ा सकेगा।

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    पिछले कुछ समय से एनएचएआइ की माली हालत को लेकर आशंकाएं प्रकट की जा रही थीं। जबकि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी लगातार इन आशंकाओं को खारिज करते रहे हैं। दरअसल, गडकरी को टोल संग्रह में बढ़ोतरी का अंदाजा था। क्योंकि उन्हें मालूम था कि फास्टैग लागू होते ही टोल प्लाजाओं पर टोल संग्रह की अंडर रिपोर्टिग पर लगाम लग जाएगी और परिणामस्वरूप एनएचएआइ के खाते में जितनी राशि आनी चाहिए वो आने लगेगी।

    ईटीसी प्रणाली लागू होने पर नहीं पूरा हो रहा था टोल संग्रह

    फास्टैग से पहले इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन ईटीसी प्रणाली लागू होने के बावजूद पूरा टोल संग्रह नहीं हो रहा था। टोल प्लाजाओं पर कैश और कार्ड दोनो तरीकों से भुगतान होता था और टोल संग्रह का डेटा कंप्यूटरों पर मैन्युअल ढंग से फीड किया जाता था।

    कांट्रैक्टर कंपनी के लोग कैश भुगतान करने वाले तमाम वाहन चालकों का डेटा कंप्यूटर में फीड नहीं करते थे और उन्हें हाथ से बनी रसीद थमा देते थे। अथवा अनधिकृत कंप्यूटर पर बनी रसीद पकड़ा दी जाती थी। इसके अलावा अनेक वाहन चालक रसूख और धौंस के बल पर टोल भुगतान से बच जाते थे। फास्टैग लागू होने से इस तरह के मामलों पर अंकुश लगने लगा है जिसका नतीजा बेहतर टोल संग्रह के रूप में सामने आ रहा है।

    60 करोड़ से 90 करोड़ बढ़ गया टोल संग्रह

    सड़क मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार फास्टैग के कारण 31 दिसंबर तक राष्ट्रीय राजमार्गो पर दैनिक टोल संग्रह 60 करोड़ रुपये से बढ़कर 90 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इस तरह टोल संग्रह में 30 फीसद की वृद्धि हो चुकी है। जबकि अभी तक सिर्फ 1.15 करोड़ वाहनों में ही फास्टैग लगा है जो कि फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्गो पर चल रहे कुल वाहनों का 54 फीसद है। फिलहाल रोजाना एक लाख वाहनों में फास्टैग लग रहे हैं। आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ेगी तथा तीन महीनों में लगभग 90 फीसद वाहन फास्टैग युक्त हो जाएंगे। जबकि छह महीनो में शत-प्रतिशत वाहनों में फास्टैग लग जाने की आशा है। इससे एनएचएआइ का दैनिक टोल संग्रह बढ़कर 110 से 120 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की संभावना है। जिसका मतलब हुआ कि जहां अभी तक जहां एनएचएआइ को टोल से केवल 21-22 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होते थे। वहीं फास्टैग के अमल में आने के बाद उसे दूना या उससे भी अधिक टोल प्राप्त हो सकता है।

    जाहिर है कि इससे एनएचएआइ के साथ सड़क निर्माता कंपनियों तथा बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का भरोसा बढ़ेगा और वे सड़क परियोजनाओं में पैसा लगाने को आगे आएंगी। इससे देश में सड़क निर्माण की पिछले कुछ समय से सुस्त पड़ी रफ्तार बढ़ेगी। टोल संग्रह में बढ़ोतरी का दूसरा फायदा एनएचएआइ को तैयार सड़क परियोजनाओं के मौद्रीकरण और टीओटी ठेकों में भी मिलेगा। क्योंकि अधिक टोल संग्रह के लालच में कंपनियां बड़ी-बड़ी बोलियां लगाएंगी। इससे सरकार पर एनएचएआइ को बजटीय सहायता बढ़ाने का दबाव भी कम होगा।