क्या स्टेट हाइवे पर भी मिलेगा Fastag Annual Pass का फायदा? जानिए केंद्र सरकार का प्लान
यदि राज्य सरकार भी केंद्र सरकार की वार्षिक टोल पास नीति से जुड़ते हुए अपने यहां ऐसी व्यवस्था करती है तो उसके दायरे में सभी एक्सप्रेसवे आ जाएंगे। अगर उत्तर प्रदेश सरकार सहमत हो तो निजी एजेंसी द्वारा संचालित यमुना एक्सप्रेसवे पर भी यात्रियों को सुविधा मिलना संभव हो सकता है।

लगभग 15 राज्य अपने राजमार्गों पर टोल टैक्स खत्म कर चुके हैं (फोटो: पीटीआई)
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। देशवासियों को हाईवे पर निर्बाध सफर की सुविधा देने के लिए निश्चित ही केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है, लेकिन टोल प्लाजा की झंझटों से पूरी तरह आजादी तभी मिलेगी, जब राज्य सरकारें भी केंद्र की वार्षिक टोल पास की नीति से खुद को जोड़ने पर सहमत हों।
चूंकि, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की 15 अगस्त से शुरू हो रही निजी वाहनों की वार्षिक टोल पास की योजना सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर ही लागू होगी, इसलिए इस सुविधा को राज्य राजमार्गों और राज्य सरकारों के अधीन आने वाले एक्सप्रेसवे पर भी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र की ओर से राज्यों को सुझाव दिया गया है और कुछ राज्यों ने सैद्धांतिक सहमति दे भी दी है।
3000 रुपये में बनेगा वार्षिक पास
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि 15 अगस्त से राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग आधारित वार्षिक टोल पास से आवागमन शुरू हो जाएगा। तीन हजार रुपये के वार्षिक पास से 200 ट्रिप की अनुमति होगी। सरकार का दावा है कि इससे न सिर्फ हाईवे यात्रियों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि टोल गेट पर लंबी कतारें न लगने से यात्रा भी सुविधाजनक होगी।
नेशनल हाईवे की लंबाई 146195 किलोमीटर है। इसके दायरे में कुल 1030 टोल प्लाजा पड़ते हैं, जिन पर यह योजना लागू होगी। मगर, पूरी तरह सुगम सफर में अभी कुछ अवरोध भी हैं। दरअसल, वार्षिक टोल पास की योजना राज्य राजमार्गों पर लागू नहीं हो रही और देश में स्टेट हाईवे की कुल लंबाई 179535 किलोमीटर है, जो कि नेशनल हाईवे से भी अधिक है।
यूपी में अभी नहीं है सुविधा
हालांकि, मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब राज्य राजमार्गों पर अधिक टोल नहीं बचे हैं। लगभग 15 राज्य अपने राजमार्गों पर टोल टैक्स खत्म कर चुके हैं, लेकिन कई राज्यों में एक्सप्रेसवे भी बने हैं, जिन पर टोल टैक्स लग रहा है। जैसे कि उत्तर प्रदेश में नोएडा-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर अभी यात्रियों को वार्षिक टोल पास की सुविधा नहीं मिल सकेगी।
यदि राज्य सरकार भी केंद्र सरकार की वार्षिक टोल पास नीति से जुड़ते हुए अपने यहां ऐसी व्यवस्था करती है तो उसके दायरे में सभी एक्सप्रेसवे आ जाएंगे। अगर उत्तर प्रदेश सरकार सहमत हो तो निजी एजेंसी द्वारा संचालित यमुना एक्सप्रेसवे पर भी यात्रियों को सुविधा मिलना संभव हो सकता है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से वार्षिक टोल नीति अपनाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।
कुछ राज्यों ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है और वह जल्द ही ऐसी कोई घोषणा कर सकते हैं। अधिकारी ने भरोसा जताया कि एक देश, एक टोल पास का सपना मुश्किल नहीं है, क्योंकि 15 से अधिक राज्यों में राजमार्गों पर निजी वाहनों के लिए टोल नहीं है। कहीं-कहीं नगर निगम अपने दायरे में आने वाली सड़कों पर व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूलते हैं।
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