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    MP News: रतलाम में मंडी के बाहर इंतजार कर रहे किसानों ने लगाया जाम, मंडी अधिकारी रहे नदारद

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 02:36 AM (IST)

    बुधवार देर रात रतलाम कृषि उपज मंडी में प्याज की बंपर आवक होने से मंडी गेट बंद करना पड़ा। रात करीब 10 बजे तक मंडी परिसर भर जाने के कारण करीब सौ से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर पहुंचे किसान बाहर ही फंसे रह गए। प्रवेश न मिलने पर किसानों ने आक्रोश जताते हुए सालाखेड़ी मार्ग पर ट्रक खड़ा कर रास्ता जाम कर दिया।

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    रतलाम में मंडी के बाहर इंतजार कर रहे किसानों ने लगाया जाम (फोटो- जागरण)

    जेएनएन, रतलाम। बुधवार देर रात रतलाम कृषि उपज मंडी में प्याज की बंपर आवक होने से मंडी गेट बंद करना पड़ा। रात करीब 10 बजे तक मंडी परिसर भर जाने के कारण करीब सौ से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर पहुंचे किसान बाहर ही फंसे रह गए।

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    प्रवेश न मिलने पर किसानों ने आक्रोश जताते हुए सालाखेड़ी मार्ग पर ट्रक खड़ा कर रास्ता जाम कर दिया। सूचना पर स्टेशन रोड थाना पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। करीब एक घंटे तक स्थिति बनी रही।

     

    बाद में तहसीलदार ऋषभ ठाकुर मौके पर पहुंचे और किसानों से चर्चा की। उन्होंने मंडी कर्मचारियों के साथ अंदर की व्यवस्था का निरीक्षण किया और खाली जगह का आकलन कर टोकन व्यवस्था के माध्यम से ट्रॉलियों की एक-एक कर एंट्री करवाई।

     

    खाचरोद के किसान राहुल टेलर ने बताया कि रात में मंडी में प्रवेश नहीं मिलने से बाहर ट्रॉलियां खड़ी है, जिससे उपज और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के पुर्जे चोरी होने का भय बना हुआ है।

     

    किसानों ने कहा कि बारिश और ठंड के समय मंडी के अंदर होने से उपज सुरक्षित रहती है, लेकिन बाहर खुले में परेशानी होती है। ट्रॉलियां छोड़कर भोजन के लिए भी नहीं जा पा रहे। ठंड और बारिश से बचने के लिए बाहर शेड तक नहीं है। मंडी के अंदर शेड मिलने से बारिश ठंड से बचा जा सकता है।

     

    तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने बताया कि मंडी के अंदर व्यवस्था का निरीक्षण किया गया है। उपलब्ध स्थान देखकर ट्रॉलियों को चरणबद्ध तरीके से मंडी में प्रवेश दिलाया जा रहा है।

     

    मंडी अधिकारी रहे नदारद

    किसानों द्वारा ट्रॉलियां सड़क पर खड़ी कर जाम लगाने की सूचना के बावजूद मंडी सचिव या मंडी प्रभारी मौके पर नहीं पहुंचे। प्रशासनिक स्थिति को संभालने के लिए तहसीलदार ऋषभ ठाकुर को स्वयं मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वस्त करना पड़ा।