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    पीएम मोदी के मजबूत निर्णय का किसानों ने किया समर्थन, विदेशी दबाव के बावजूद नहीं झुके प्रधानमंत्री

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 10:00 PM (IST)

    किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के किसानों के हित में लिए गए मजबूत रुख का समर्थन किया है। दिल्ली के पूसा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में किसान संगठनों ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर प्रधानमंत्री के निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया। किसान नेताओं ने कहा कि भारत अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा।

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    किसानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिकी दबाव के बावजूद किसानों के हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत और अटल रुख को पंजाब समेत देशभर के किसानों का व्यापक समर्थन मिला है।

    किसान नेताओं ने आग्रह किया कि मुक्त व्यापार को लेकर आगे भी भारत की नीतियों में किसी तरह की ढील न दी जाए। दिल्ली के पूसा परिसर में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए किसान संगठनों के प्रमुखों एवं सैकड़ों किसानों ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय के प्रति आभार जताया।

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    क्या बोले किसान संगठन?

    मौके पर मौजूद विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी कीमत पर अपने किसानों, पशुपालकों एवं मछुआरों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र सर्वोपरि संकल्प का उदाहरण देते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौता रद्द करना भी एक ऐतिहासिक फैसला था, जिसने राष्ट्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संदेश दिया।

    उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि नकली खाद और उर्वरक बनाने वालों के खिलाफ जल्द ही सख्त कानून लाया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हाल ही में झुंझूनु से डिजिटल भुगतान का उल्लेख किया।

    'कोई भी ताकत भारत के किसानों को गुलाम नहीं बना सकती'

    किसान नेताओं ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों को प्रवेश न देकर पीएम ने सिद्ध कर दिया है कि भारत का किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि इस राष्ट्र की आत्मा है। सरकार के इस कदम ने करोड़ों किसानों को भरोसा दिलाया है कि जब तक दिल्ली में वर्तमान नेतृत्व है तब तक कोई भी ताकत भारत के किसानों को गुलाम नहीं बना सकती है।

    भारतीय किसान (चौधरी चरण ¨सह) संगठन के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी ने इसे ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने वाला निर्णय बताया। छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के विरेंद्र लोहान ने अमेरिकी कंपनियों को कृषि और डेयरी सेक्टर में प्रवेश न देने के पीएम मोदी के फैसले को साहसिक करार दिया।

    उन्होंने कहा कि इस निर्णय से ग्रामीण भारत में गर्व एवं भरोसे की भावना जागी है। पंजाब के किरपा सिंह नत्थूवाला ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से किसानों की “छाती चौड़ी'' हो गई है। अब किसान विदेशी दबाव से बेखौफ हैं।

    कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एमएल जाट भी उपस्थित थे। किसानों ने आश्वासन दिया कि वे सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और देश की कृषि आत्मनिर्भरता को बनाए रखने के लिए हर संभव योगदान देंगे।

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