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    गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

    By TaniskEdited By:
    Updated: Sun, 17 Jan 2021 03:34 PM (IST)

    नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट सोमवार को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ केंद्र की एक याचिका पर सुनवाई करने वाला है।

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    गणतंत्र दिवस पर किसानों की टैक्टर रैली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका।

    नई दिल्ली, एएनआइ। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट सोमवार को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ केंद्र की एक याचिका पर सुनवाई करने वाला है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन- जजों की पीठ इस दौरान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर विभिन्न याचिकओं पर सुनवाई करेगी। केंद्र ने दिल्ली पुलिस के माध्यम से दायर एक याचिका में कहा है कि गणतंत्र दिवस समारोह को बाधित करने के लिए प्रस्तावित कोई भी रैली या विरोध से देश को को शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी।

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    12 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति व्यक्त की और इसे 18 जनवरी को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया। बेंच ने इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों को नोटिस जारी किया। केंद्र ने कहा है कि विरोध करने के अधिकार में कभी भी 'देश को वैश्विक स्तर शर्मिंदा करना' शामिल नहीं हो सकता। साथ ही कोर्ट  से आग्रह किया कि किसी भी तरहा का विरोध मार्च को रोका जाए। चाहे वह ट्रैक्टर मार्च हो, ट्रॉली मार्च हो, वाहन मार्च हो या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रवेश करने का कोई अन्य तरीका हो।

    समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली केवल हरियाणा-दिल्ली सीमाओं पर होगी और किसान गणतंत्र दिवस परेड को बाधित करने के लिए लाल किले तक पहुंचने की योजना नहीं बना रहे हैं। जैसा कि कुछ लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने 12 जनवरी को नए कृषि कानूनों को अगले आदेशों तक लागू करने पर रोक लगा दी थी।

    इसके अलावा केंद्र और प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के बीच गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। बता दें कि किसानों और सरकार के गतिरोध को सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक इससे कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।