Farmer Protest: किसानों की राजनीति में भाजपा का नहले पर दहला, विपक्षी मंसूबों को असफल करने का चल रहा ये खेला
हाल ही में किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर खुद के किसान हितैषी होने का संदेश दे चुकी भाजपा सरकार अब संगठन के माध्यम से ग्राम परिक्रमा लगाकर किसानों से अपनत्व और संपर्क बढ़ाने के लिए निकल पड़ी है। पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन की सरगर्मियां जोर पकड़े हुए हैं।
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। आमजन के लिए 'अन्नदाता' और चुनावों में 'भाग्यविधाता' की भूमिका निभाने वाले किसानों पर सभी राजनीतिक दलों की नजर है। भाजपा के खिलाफ लगातार मुद्दे तलाश रहा विपक्ष कुछ किसान संगठनों के आंदोलन को हवा देने के लिए फिर पुरजोर ताकत लगा रहा है तो भाजपा भी नहले पर दहला जड़ने के अंदाज में किसानों से अपने जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए सभी जतन कर रही है।
किसानों से अपनत्व होने का संदेश
हाल ही में किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर खुद के 'किसान हितैषी' होने का संदेश दे चुकी भाजपा सरकार अब संगठन के माध्यम से ग्राम परिक्रमा लगाकर किसानों से अपनत्व और संपर्क बढ़ाने के लिए निकल पड़ी है। पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन की सरगर्मियां जोर पकड़े हुए हैं।
किसान संगठनों की दिल्ली में प्रदर्शन की हुंकार
मुख्यत: पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने सहित कुछ मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली में प्रदर्शन की हुंकार भरी है। जिस तरह 2022 में उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कृषि कानून विरोधी आंदोलन को विपक्षी दलों ने समर्थन देकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया था, वैसे ही प्रयास अब लोकसभा चुनाव से पहले दिखाई दे रहे हैं।
विपक्षी मंसूबों को असफल करने की तैयारी
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खुलकर समर्थन कर चुके हैं और किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित कर चुके हैं। मगर, जिस तरह सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर चुनौतियों के ताप को ठंडा कर चुनाव में सफलता प्राप्त की थी, ठीक उसी तरह फिर विपक्षी मंसूबों को असफल करने की तैयारी है। विपक्ष सिर्फ इस घटनाक्रम से भाजपा को मात देने सीमित प्रयास तक सिमटा है, जबकि भाजपा उससे कहीं बड़े फलक पर किसानों के साथ मजबूत जुड़ाव के जतन पर पहले से काम कर रही है।
किसानों को सरकारी लाभ की योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी प्राथमिकता वाली जो चार जातियां गिनाई हैं, उनमें किसान भी शामिल है। यहां गौर करने वाली बात है कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, देश में दस करोड़ से अधिक परिवार कृषि पर निर्भर हैं और किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसानों का आंकड़ा भी लगभग 11 करोड़ है। इसका मतलब है कि हर किसान परिवार तक सरकार अपनी इस योजना से पहले ही पहुंच चुकी है। उनके हित में चलाई जा रही अन्य योजनाओं के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा कर सरकार ने किसानों को भावनात्मक संदेश देने का प्रयास किया है।
भाजपा का संपर्क अभियान दिलाएगा सफलता
चौ. चरण सिंह जाट थे और आंदोलित किसान संगठनों के प्रभाव वाले पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी जाट आबादी चरण सिंह को अपना प्रणेता मानती है। इसके साथ ही सोमवार से भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से ग्राम परिक्रमा यात्रा शुरू की है। इसके माध्यम से एक माह में दो लाख गांवों तक पहुंचने की तैयारी है। इसके माध्यम से न सिर्फ मोदी सरकार की योजनाओं और उलब्धियों को किसानों-ग्रामीणों के बीच गिनाया जाएगा, बल्कि सरकार के प्रति उनके विश्वास को मजबूत करने के लिए भाजपा किसान मोर्चा द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 के घोषणा पत्र के लिए उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे। चुनाव से पहले ग्रामीणों के बीच सरकार का यह बड़ा संपर्क अभियान भाजपा के पक्ष में सकारात्मक माहौल बनाने में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है।