Fact Check: पाकिस्तान की 'नापाक साजिश' बेनकाब, भारतीय सेना का सिपाही नहीं है वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति
एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें सेना के यूनिफॉर्म पहने एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पहलगाम हमला कोई आतंकी हमला नहीं था बल्कि यह पूर्व नियोजित था। हालांकि विश्वास न्यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो यह दावा फेक पाया गया और पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा का हिस्सा पाया गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को एक बड़ा आतंकी हमल हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तमाम तरह के वीडिया सामने आए। इसी कड़ी में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सेना के यूनिफॉर्म पहने एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पहलगाम हमला, कोई आतंकी हमला नहीं था, बल्कि यह 'पूर्व नियोजित' था।
इस वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स कोई और नहीं बल्कि भारतीय सेना का सिपाही अशोक कुमार है। हालांकि, विश्वास न्यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो यह दावा फेक पाया गया।
फेक निकला वीडियो
फैक्ट चेक में यह पाया गया कि वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भारतीय सेना का सिपाही नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की तरफ से फैलाए जा रहे फेक खबरों का एक प्रोपेगेंडा का हिस्सा है। एक्स हैंडल @war_Analysts से इस वीडियो को शेयर किया गया था। अब ये एक्स हैंडल डिलीट किया जा चुका है। सेना ने भी इस वीडियो को फेक बताते हुए कहा कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का भारतीय सेना से कोई संबंध नहीं है।
यह पहला मामला नहीं है जब इस तरह की फेक न्यूज भारतीय सेना के नाम से फैलाई गई है। इससे पहले भारतीय सेना के एक अधिकारी के नाम से ऐसा ही वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि भारतीय सेना के 25 जवानों की मौत के बाद आहत होकर कर्नल विजय आचार्य नाम के अधिकारी ने अपना इस्तीफा दे दिया था।
‼️भारतीय सेना के सिपाही अशोक कुमार ने वह बात कही जो मीडिया नहीं कहेगा: पहलगाम वैसा नहीं है जैसा दिखाया गया है। *खुफिया तंत्र विफल रहा। सवालों को नज़रअंदाज़ किया गया। क्या जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?
— Shahnawaz Mangal - शाहनवाज़ मंगल (@mangalazmiINC) April 24, 2025
हमें तो पहले ही शक था यह हमला बीजेपी का काम है ये आर्मी के जवान का इशारा? pic.twitter.com/6y0vfq0jTT
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस वीडियो को भी फेक पाया था और इसे पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा बताया था। इस वीडियो में रिटायर्ड अधिकारी की तस्वीर का इस्तेमाल कर प्रॉक्सी अकाउंट से फेक दावा किया गया था।
अशोक कुमार के नाम से वायरल वीडिया में क्या है?
सोशल मीडिया यूजर 'the haq_words' (अकरम पटेल) ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिसके कैप्शन में लिखा है, "भारतीय सेना के सिपाही अशोक कुमार ने वह बात कही है जो मीडिया नहीं कहेगा। पहलगाम वैसा नहीं है जैसा दिखाया गया है। खुफिया तंत्र विफल रहा और सवालों को नजरअंदाज किया गया। क्या जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है? हमें तो पहले ही शक था यह हमला बीजेपी का काम है।"
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है। हालांकि, पड़ताल के बाद इस वीडियो की सच्चाई सामने आ गई।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने अपने फैक्ट चेक में बताया कि सर्च में ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति भारतीय सेना का अधिकारी है। आधिकारिक स्रोत और न्यूज रिपोर्ट्स भी इस बात की पुष्टि करती है कि पहलगाम में हुआ हमला 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने किया था, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक आतंकी मॉड्यूल है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। वायरल वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति ने सेना का पुराना यूनिफॉर्म पहन रखा है, जबकि भारतीय सेना का यूनिफॉर्म बदल चुका है, जिसे 2022 के आर्मी डे परेड के मौके पर लॉन्च किया गया था।
The new combat uniform of the Indian Army was unveiled at the 'Army Day' parade, today. pic.twitter.com/2d1u8FwV9v
— ANI (@ANI) January 15, 2022
पड़ताल में ये बातें आई सामने
वायरल वीडियो के पड़ताल के दौरान ये पता चला कि वीडिय में कई कट लगे हुए हैं, जो इसके एडिटेड होने की पुष्टि करता है। वीडियो में किए गए दावे को लेकर विश्वास न्यूज ने भारतीय सेना से भी संपर्क किया और सेना के प्रवक्ता ने इस वीडियो क फेक बताया और कहा कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भारतीय सेना से जुड़ा हुआ नहीं है।
कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी भारतीय सेना के नए यूनिफॉर्म का जिक्र है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइन और ट्रेड मार्क्स ऑफिस में इस नए यूनिफॉर्म में आवेदन किया है। सेना को उम्मीद है कि जल्द ही इस यूनिफॉर्मस का IPR यानी इंटेलेक्चुअल राइट्स मिल जाएगा।
जून 2026 तक बढ़ाई गई वर्दी की समयसीमा
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने पुरानी वर्दी के इस्तेमाल की समय सीमा में इजाफा करते हुए इसे जून 2026 तक कर दिया है। पुरानी वर्दी का मौजूदा स्टॉक जून 2026 तक सेवा में रहेगा, जबकि पहले इसकी समयसीमा जून 2025 थी।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल वीडियो को लेकर डिजिटल फोरेंसिक की मदद ली। सर्च के दौरान कई सोशल मीडिया यूजर्स की प्रोफाइल पर इस वीडियो का स्क्रीनशॉट मिला, जिसमें इसे @War_Analysts नाम के हैंडल से शेयर किया गया था।
हैंडल किया गया डिलीट
हालांकि इस हैंडल को डिलीट किया जा चुका है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से PahalgamDramaExposed, IndianFalseFlagExposed और IndianMediaExposed जैसे कई हैशटैग ट्रेंड्स कर रहे थे, जिसमें पाकिस्तानी यूजर्स इस हमले को 'पूर्व नियोजित' हमला बता रहे थे।
गौरतलब है कि भारत के मामले में पाकिस्तान की तरफ से दुष्प्रचार का यह मामला पहला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें पाकिस्तानी हैंडल से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा को फैलाया गया है।
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