हिंदी और बांग्ला की घृणास्पद सामग्री पर है फेसबुक की नजर, व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर कंपनी ने बताया
फेसबुक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी वर्षो से अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से अतिवादी और घृणास्पद सामग्री को खोजने के कार्य में लगी हुई है। कंपनी इस समय दुनिया की 40 से ज्यादा भाषाओं में होने वाले वार्तालाप और अन्य तरह की सामग्री पर नजर रख रही है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। फेसबुक ने कहा है कि वह हिंदी और बांग्ला भाषा की घृणास्पद सामग्री का पता लगाने और उसकी रोकथाम के लिए कार्य कर रहा है। फेसबुक ने यह बात व्हिसलब्लोअर फ्रांसेंज हौजेन के इस आरोप के बाद कही है कि कंपनी भारत से संबंधित सामग्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है। यह अनदेखी वह भारत में अपने उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या के मद्देनजर करती है।
फेसबुक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी वर्षो से अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से अतिवादी और घृणास्पद सामग्री को खोजने के कार्य में लगी हुई है। कंपनी इस समय दुनिया की 40 से ज्यादा भाषाओं में होने वाले वार्तालाप और अन्य तरह की सामग्री पर नजर रख रही है। इनमें हिंदी और बांग्ला भी शामिल हैं। फेसबुक की एक टीम भारत की 20 भाषाओं में पैदा होने वाली सामग्री पर भी नजर रखती है। अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुस्लिमों के खिलाफ घृणास्पद टिप्पणियों की संख्या पूरी दुनिया में बढ़ी है। हम अपनी अत्याधुनिक तकनीक के जरिये इन टिप्पणियों का जल्द से जल्द पता लगाते हैं और उन्हें नेटवर्क से हटाते हैं। हम अपनी तकनीक को लगातार अपडेट करने में भी जुटे हुए हैं जिससे साफ-सुथरी व्यवस्था को कायम रखा जा सके।
हौजेन ने अपनी शिकायत अमेरिका के सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन में दर्ज कराई है। इसमें कहा गया गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थक समूह और लोग भारत में भय का वातावरण बना रहे हैं। इनका मुस्लिम विरोधी संवाद हिंदू आबादी को प्रभावित करने वाला होता है। यह नेटवर्क का गलत इस्तेमाल है। इंटरनेट नेटवर्क का कैसा दुरुपयोग होता है, भारत इसका एक उदाहरण है।
बता दें कि कुछ दिन पहले पूरे विश्व में फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम का सर्वर ठप हो गया था। यूजर इन तीनों इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे। सर्वर ठप हो जाने से फेसबुक को करोड़ों रूपये का नुकसान हो गया था।