संसद में बाधा पड़ने पर जयशंकर ने ट्विटर पर डाला विदेश नीति पर बयान, कहा- विपक्ष के लिए दलगत राजनीति महत्वपूर्ण
संसद में विदेश नीति पर अपने बयान के दौरान विपक्ष के विरोध को निशाने पर लेते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कियाजिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं के विवरण साझा किए गए हैं।उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान में बार-बार बाधा डाली।
नई दिल्ली, पीटीआई। संसद में विदेश नीति पर अपने बयान के दौरान विपक्ष के विरोध को निशाने पर लेते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं के विवरण साझा किए गए हैं।
विदेश मंत्री ने साझा किया वीडियो
ट्विटर पर साझा किए इस वीडियो संदेश में जयशंकर ने कहा
दुख की बात है कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान में बार-बार बाधा डाली। स्वाभाविक है कि उनके लिए दलगत राजनीति राष्ट्रीय प्रगति से ज्यादा महत्वपूर्ण थी।
Yesterday, my statement to the Parliament on recent developments in Indian foreign policy was continuously disrupted.
Here is a thrust of my remarks. https://t.co/fXikQSVhfj— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 28, 2023
विपक्षी सदस्यों ने किया था विरोध
गुरुवार को विदेश मंत्री जब विदेश नीति की उपलब्धियां गिना रहे थे और विदेशी गणमान्यों की भारत यात्रा व मुर्मु एवं मोदी की विदेश यात्राओं का विवरण साझा कर रहे थे तो दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जोरदार विरोध किया था। जयशंकर ने कहा
कई स्तरों पर इन प्रयासों के माध्यम से, हम एक अस्थिर और अनिश्चित दुनिया में अपने राष्ट्रीय उद्देश्यों और हितों को आगे बढ़ाने में सक्षम हुए हैं।
जनता के कल्याण पर केंद्रीत है मोदी सरकार की विदेश नीतिः जयशंकर
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति उन मुद्दों पर केंद्रित है जो सीधे तौर पर जनता के कल्याण और आम नागरिक के जीवन को प्रभावित करते हैं। वे विदेश में हिरासत में लिए गए हमारे मछुआरे या संघर्षरत क्षेत्रों में फंसे लोग हो सकते हैं।
विदेश में छात्रों और पेशेवरों पर क्या बोले विदेश मंत्री?
विदेश मंत्री ने कहा कि यह विदेश में छात्रों और पेशेवरों के लिए बेहतर वीजा सुविधाएं या काम करने की स्थिति हो सकती है। यह महत्वपूर्ण क्षेत्रों और प्रौद्योगिकियों में प्रगति के माध्यम से हमारे देश के भविष्य के बारे में हो सकता है। चाहे वह इंजन प्रौद्योगिकी हो, सेमीकंडक्टर हों, ड्रोन हों या फिनटेक हों, ये नए भारत के निर्माण में लगने वाली ईंटें हैं।
जयशंकर ने कहा
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन मामलों पर उस गंभीरता के साथ चर्चा और बहस करने की अनुमति नहीं दी गई जिसके वे हकदार थे।