सुप्रीम कोर्ट हैरान, कर्ज से अधिक संपत्ति फिर भी सहारा प्रमुख जेल में?
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा की संपत्ति का विवरण देखकर सुप्रीम कोर्ट भी चकित रह गया।
नई दिल्ली। इतनी बड़ी दौलत होने के बावजूद भी सुब्रत राय जैसा व्यक्ति जो सहारा ग्रुप का मुखिया है क्यों दो साल तक तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे रहा? जब आपके पास इतनी संपत्ति है तो सभी बकायों का भुगतान कर क्यों नहीं देते? सुब्रत रॉय की संपत्ति के दस्तावेजों की जांच करने के बाद बुधवार को ये प्रश्न सुप्रीम कोर्ट ने उस समय किये जब वह सहारा प्रमुख की अंतरिम जमानत को 6 महीने बढ़ाने की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था।
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टाईम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सुब्रत रॉय के वकील कपिल सिब्बल से उनकी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज अदालत को सौपतें हुए यह आश्वस्त किया कि सहारा प्रमुख देश छोड़कर नहीं जाएंगे। सहारा प्रमुख पर इस समय 36000 करोड़ की देनदारी है जिनमें से वो 12000 करोड़ पहले ही सेबी के पास जमा करा चुके हैं। सिब्बल ने जस्टिस टी एस ठाकुर, जस्टिस ए आर दवे और एके सिकरी की संयुक्त बेंच के सामने एक सीलबंद लिफाफे में सहारा प्रमुख की संपत्तियों का ब्यौरा सौंपा जिसमें भारत और विदेशों में स्थिति चल- अचल संपत्ति तथा सोने सहित अन्य कीमती वस्तुओं का विवरण शामिल था।
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सहारा की संपत्ति देख कर बेंच हैरान हो गई और बेंच जैसी ही कुछ टिप्पणी करने लगी तो उससे पहले सिब्बल ने अदालत से कहा, "कृपया इसे गुप्त और सीलबंद लिफाफे में रखा जाए। यदि रॉय को छह महीने के लिए जेल से बाहर जाने की अनुमति मिलती है तो वह उस हर पाई-पाई का भुगतान कर देंगे जो उन पर बकाया है और अगर ऐसा नहीं होता है तो बाजार नियामक सेबी उनकी संपत्ति बेचने के लिए स्वतंत्र है।"
अदालत ने कहा, "आपके पास इतनी अकूत संपत्ति है जिसकी कीमत आपकी देनदारियों से कहीं अधिक है। एक व्यक्ति जिसके पास इतनी दौलत हो वह क्यों दो साल तक जेल की सलाखों के पीछे रहा और क्यों उसने बकाया चुकता नहीं किया।"
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