यमन में निमिषा प्रिया की फांसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी गई नई जानकारी, क्या-क्या बताया गया?
सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि यमन में हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर रोक लग गई है। अटॉर्नी जनरल ने बताया कि एक नया मध्यस्थ सामने आया है और कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं हो रही है। 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' प्रिया को कानूनी मदद दे रहा है। कोर्ट ने मामले को जनवरी 2026 में सूचीबद्ध किया।

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को सूचित किया गया कि यमन में हत्या के जुर्म में मृत्युदंड पाने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर रोक लगा दी गई है और कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं हो रही है।
केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को बताया, 'एक नया मध्यस्थ सामने आया है। एकमात्र अच्छी बात यह है कि कुछ भी प्रतिकूल नहीं हो रहा है।'
भारतीय नर्स को मिली रही कानूनी सहायता
पीठ ने पूछा, 'फांसी का क्या हुआ?' इस पर याचिकाकर्ता संगठन 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' के वकील ने बताया कि फिलहाल फांसी पर रोक लगा दी गई है। यह संगठन प्रिया को कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि फिलहाल मामले की सुनवाई स्थगित की जा सकती है। इस पर पीठ ने कहा, 'इसे जनवरी, 2026 में सूचीबद्ध करें। यदि परिस्थिति की मांग हो, तो पक्षकारों के लिए शीघ्र सुनवाई के वास्ते आवेदन का विकल्प खुला रहेगा।'
सुप्रीम कोर्ट में चल रही मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट 38 वर्षीय नर्स को बचाने के वास्ते राजनयिक माध्यमों का उपयोग करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। भारतीय नर्स को 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझीदार की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई था। केरल के पलक्कड की रहने वाली प्रिया यमन की राजधानी सना की एक जेल में कैद है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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