वक्फ बिल से मुस्लिमों के धार्मिक कार्यों पर असर नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने किया विधेयक का समर्थन
एक आधिकारिक बयान के अनुसार राज्यसभा में वयोवृद्ध नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने खुलकर नए वक्फ बिल का पूरा समर्थन किया। एचडी देवगौड़ा ने स्पष्ट किया कि यह मुसलमानों के धार्मिक कार्यों में किसी भी तरह से दखल नहीं देता है। लेकिन संशोधन बिल राजस्व और प्रशासनिक मामलों से कड़ाई से निपटता है। यह बात याद रखना जरूरी है।

एएनआइ, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने लोकसभा में नए वक्फ संशोधन बिल, 2025 की सराहना करते हुए कहा कि इससे मुस्लिम धार्मिक रीति-रिवाजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
देवगौड़ा ने खुलकर नए वक्फ बिल का पूरा समर्थन किया
एक आधिकारिक बयान के अनुसार राज्यसभा में वयोवृद्ध नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने खुलकर नए वक्फ बिल का पूरा समर्थन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुसलमानों के धार्मिक कार्यों में किसी भी तरह से दखल नहीं देता है। लेकिन संशोधन बिल राजस्व और प्रशासनिक मामलों से कड़ाई से निपटता है। यह बात याद रखना जरूरी है।
बोर्ड फिलहाल 8.7 लाख संपत्तियों को नियंत्रित करता है
उन्होंने विधेयक को स्पष्ट करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड की परिसंपत्तियों को प्रशासनिक रूप से नियमित करने का उद्देश्य है। बोर्ड फिलहाल 8.7 लाख संपत्तियों को नियंत्रित करता है जबकि देश भर में ऐसी कुल 9.4 लाख संपत्तियां हैं। कुप्रबंधन के चलते ऐसी संपत्तियों की कुल कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित संपत्ति हो गई है।
विधेयक से गरीब मुसलमानों की रक्षा होगी
उन्होंने कहा कि इस विधेयक से गरीब मुसलमानों की रक्षा उनके ही तबके के अमीरों से की जाती है। उनके साथ न्याय हो इसके लिए संशोधन बिल को संविधान की मूल भावना के अनुरूप ढाला गया है। देवगौड़ा ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह मुसलमानों समेत सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे। मुसलमान नागरिक भी इस देश के अन्य नागरिकों जैसे ही हैं।
देवगौड़ा ने बिल की पारदर्शिता की सराहना की
उन्होंने वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सरासर संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है। 'एक बार वक्फ तो हमेशा के लिए वक्फ' इससे मेल नहीं खाता है। देवगौड़ा ने बिल की पारदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियां अब सामुदायिक सेवा के लिए काम आएंगी।
श की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े सरकार- खरगे
खरगे ने अपील के रूप में सरकार को चेताया भी कि वह देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े। बिल पर उच्च सदन में चर्चा में देर शाम भाग लेते हुए खरगे ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक और भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ है। इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाने के बजाय सरकार को बिल वापस ले लेना चाहिए।
खरगे ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार इसके बहाने वक्फ की जमीनें हथियाने की कोशिश कर रही है। ये जमीनें कारपोरेट समूहों को दी जाएंगी। खरगे ने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली कुछ योजनाओं को बंद कर दिया गया है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कर दी भविष्यवाणी
चर्चा के दौरान कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने तो यह भविष्यवाणी कर दी कि अगर यह विधेयक पारित होकर कानून बनता है तो अगले कुछ वर्षों में न्यायपालिका से खारिज हो जाएगा। सिंघवी की इस बात से गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह दावा करना संसद की सर्वोच्चता और संप्रभुता पर सवाल खड़े करना है और एक संसद सदस्य को ऐसा नहीं करना चाहिए।
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