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    प्रेमिका और बच्चों की हत्या कर 19 साल तक फरार रहा पूर्व सैनिक, अचानक सीबीआई को मिली टिप; पकड़ने पहुंचे तो रह गए दंग

    केरल के कोल्लम जिले में 19 साल पहले हुई हत्या मामले में अब जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपी पूर्व सैनिक हैं जिन्हें मार्च 2006 में सेना ने भगोड़ा घोषित कर दिया था। युवती और उसके बच्चों की हत्या के बाद दोनों पुड्डुचेरी में पहचान छिपाकर रहने लगे थे। 19 साल बाद सीबीआई को टिप मिली। इसके बाद उन्हें मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sun, 05 Jan 2025 09:04 AM (IST)
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    2010 में सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था केस (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना के दो पूर्व सैनिकों ने एक युवती और 17 दिन के जुड़वा बच्चों की हत्या कर दी। इसके बाद दोनों करीब 19 साल तक फरार रहे। केस पहले पुलिस के पास रहा, फिर सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया।

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    सेना ने भी दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था। लेकिन उनकी कहीं से भी खोज-खबर नहीं मिल रही थी। अचानक सीबीआई को एक टिप मिली। इसके मुताबिक, दोनों पहचान बदलकर पुड्डुचेरी में रह रहे थे। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

    2006 का है मामला

    केरल के कोल्लम जिले के येरम में रहने वाली एक 24 वर्षीय युवती रजनी को पास के ही अंचल के निवासी दिबिल कुमार बी से प्यार हो गया था। दिबिल कुमार भारतीय सेना की 45 एडी रेजिमेंट्स में था और पठानकोट में तैनात था।

    दोनों के बीच संबंध बने और रजनी गर्भवती हो गई। 24 जनवरी 2006 को रजनी ने जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया। इसके बाद से ही दिबिल ने उससे दूरियां बनानी शुरू कर दीं। इसके बाद रजनी की मां ने केरल राज्य महिला आयोग में अपील की।

    दोस्त भी हुआ शामिल

    महिला आयोग ने मामले में पैटरनिटी टेस्ट का आदेश दिया। इसके बाद दिबिल कुमार आगबबूला हो गया। उसने हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी। दिबिल का दोस्त राजेश भी उसकी बटालियन में था। उसकी युवती और उसकी मां से भी जान-पहचान थी।

    उसके पहले तो रजनी और उसकी मां से कहा कि वह दिबिल कुमार को समझाएगा कि वह रजनी से शादी कर ले। लेकिन बाद में वह खुद ही दिबिल की साजिश का हिस्सा बन गया। इसके बाद 10 फरवरी 2006 को दोनों ने मिलकर रजनी और उसकी दोनों बेटियों की हत्या कर दी।

    हत्या के बाद दोनों फरार

    • रजनी की मां उस वक्त पंचायत ऑफिस में दोनों जुड़वा बच्चियों का बर्थ सर्टिफिकेट लेने के लिए गई हुई थी। जब वह वापस लौटी, तो घर में लाश पड़ी देखकर उसकी चीख निकल गई। हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों वहां से फरार हो गए थे।
    • मार्च 2006 में सेना ने भी दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों को तलाशने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। उन पर 2 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया। बावजूद इसके दोनों का एक भी सुराग नहीं मिल रहा था।

    सीबीआई को ट्रांसफर हुआ केस

    2010 में केरल हाईकोर्ट के आदेश के बाद केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। लेकिन सीबीआई के भी हाथ खाली ही रहे। कई साल तक खोज जारी रहने के बाद सीबीआई को टिप मिली कि दिबिल कुमार और राजेश दोनों नाम बदलकर पुड्डुचेरी में रह रहे हैं।

    दोनों ने आधार कार्ड समेत कई फर्डी डॉक्यूमेंट्स भी बनवा लिए थे। इतना ही नहीं, दोनों ने वहां दो महिला अध्यापकों से शादी तक कर ली थी, जिनसे उनके बच्चे भी थे। इसके बाद सूचना पर पहुंची सीबीआई की टीम ने दोनों को दबोच लिया।

    पुलिस को मिली कस्टडी

    सीबीआई की चेन्नई यूनिट ने दोनों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें कोच्चि लाया गया। शनिवार को एर्नाकुलम चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में दोनों को पेश किया गया।

    यहां से पुलिस को 18 जनवरी तक के लिए उनकी कस्टडी मिल गई। अब सीबीआई भी उनकी कस्टडी की मांग करेगी।

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