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    'हर क्षेत्र को अपने हितों का रखना होगा ख्याल', थाईलैंड में एस जयशंकर बोले- यह वैश्विक मंथन का समय

    Updated: Thu, 03 Apr 2025 11:30 PM (IST)

    थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने मौजूदा वैश्विक माहौल को अस्थिर और वैश्विक व्यवस्था में मंथन होने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने विकासशील देशों को खास तौर पर सावदान किया है और सभी क्षेत्रों को अपने आपका ख्याल रखने की बात कही है। पीएम नरेन्द्र मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

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    थाईलैंड में एस जयशंकर बोले- यह वैश्विक मंथन का समय (फाइल फोटो)

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी इकोनमी अमेरिका की नई सरकार ने पारस्परिक शुल्क लगा कर जिस तरह से वैश्विक माहौल को चुनौतापीर्ण बनाया है, उस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी परोक्ष संकेत किया है।

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    वैश्विक व्यवस्था में मंथन होने की बात कही

    थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने मौजूदा वैश्विक माहौल को अस्थिर और वैश्विक व्यवस्था में मंथन होने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने विकासशील देशों को खास तौर पर सावदान किया है और सभी क्षेत्रों को अपने आपका ख्याल रखने की बात कही है।

    पीएम नरेन्द्र मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे

    बिम्सेटक संगठन (बे ऑफ बंगाल इनिसियटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्नीकल व इकोनोमिक कोऑपरेशन) की शिखर सम्मेलन शुक्रवार को होगी। पीएम नरेन्द्र मोदी इसमें हिस्सा लेंगे। शिखर सम्मेलन से पहले की बैठक में भारत, भूटान, म्यांमार, नेपाल, बांग्लादैश, श्रीलंका और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया है।

    वैश्विक व्यवस्था में मंथन चल रहा है

    जयशंकर ने कहा कि, “साथियों हम आज जब मिल रहे हैं तब बहुत ही अनिश्चतता व परिवर्तन का समय है। वैश्विक व्यवस्था में मंथन चल रहा है। नई व्यवस्था की शुरुआत अब हमें साफ तौर पर दिखाई देने लगी है। अब यह ज्यादा क्षेत्रीय व एजेंडा केंद्रित होगा। अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में कुछ शक्तियों का समय अब खत्म हो चुका है। विकासशील देश के तौर पर हमारे समक्ष कई चुनौतियां हैं लेकिन हम उनका सामना सामूहिक तौर पर ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं।''

    बिम्सटेक के अधिकांश सदस्यों के साथ भारत की साझा सीमा

    उन्होंने आगे कहा कि, दुनिया अब आत्म-सहायता के दौर में जा रह ही जहां हर क्षेत्र को अपनी जरूरत के लिए खुद कोशिश करनी होगी, वह चाहे खाद्यान्न का हो, ईंधन का हो या उर्वरक आपूर्ति का हो या वैक्सीन का हो। बिम्सटेक के अधिकांश सदस्यों के साथ भारत की साझा सीमा है।

    बंगाल की खाड़ी से सटे देशों के हितों के बीच काफी समानताएं

    इस पर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, इस संगठन को लेकर भारत अपनी विशेष उत्तरदायित्व को समझता है। बिम्सटेक को भी बड़े महत्वाकांक्षी उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। बंगाल की खाड़ी से सटे देशों के हितों के बीच काफी समानताएं हैं। लेकिन कारोबार, निवेश, कनेक्टिविटी जैसे कई दूसरे क्षेत्रों में यह क्षेत्र अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहा।