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    जानिए, कैसे तमिलनाडु में सूखे के बावजूद लहरा रही कुछ किसानों की फसल

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Wed, 22 Mar 2017 12:21 PM (IST)

    लेकिन तमिलनाडु में कुछ ऐसे किसान भी हैं, जो भयंकर सूखा पड़ने पर भी खेतों में फसल की बुआई कर रहे हैं। इनके सामने पानी की कोई समस्‍या नहीं है।

    जानिए, कैसे तमिलनाडु में सूखे के बावजूद लहरा रही कुछ किसानों की फसल

    चेन्‍नई, जेएनएन। जहां पूरा तमिलनाडु भयंकर सूखे की मार झेल रहा है, वहां विलुपुरम जिले के मेलम और आसपास के गांवों के कुछ किसानों के लिए हालात बिल्‍कुल अलग हैं। यहां किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए भरपूर पानी और तकनीकी सहायता मिल रही है। 

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    विश्‍व जल दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्‍ली में तमिलनाडु से कुछ किसान नरकंकालों के साथ धरना देने पहुंचे हैं। प्रदेश में सूखे की मार झेल रहे, लाखों किसानों का ये प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं। लेकिन तमिलनाडु में कुछ ऐसे किसान भी हैं, जो भयंकर सूखा पड़ने पर भी खेतों में फसल की बुआई कर रहे हैं। इनके सामने पानी की कोई समस्‍या नहीं है। दरअसल, ये सब मुमकिन हो पाया है, एमएस स्वामिनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ) के प्रयासों से, जो किसानों के लिए काम कर रही है। 
    एमएसएसआरएफ मेलम पंचायत क्षेत्र में आने वाले पांच गांवों के कुछ किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है। ये फाउंडेशन किसानों को तकनीकी और वित्‍तीय सहायता के साथ-साथ सिंचाई का प्रबंध भी कर रहा है। एमएसएसआरएफ एक बहुराष्‍ट्रीय कंपनी के साथ मिलकर वेस्‍ट वाटर ट्रीटमेंट पर भी काम कर रही है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है।   
    नल्‍लावुर किसान प्रोड्यूसर कंपनी की शुरुआत क्षेत्र के 937 किसानों ने मिलकर की थी। जब इसकी शुरुआत हुई, तो 67 एकड़ जमीन पर खेती करने वाले किसान इसके साथ थे और अब इसके अंतर्गत 156 एकड़ से ज्‍यादा खेती योग्‍य जमीन के किसान शामिल हैं। एमएसएसआरएफ ने इस कंपनी से जुड़े किसानों को कुंओं 36 लाख रुपये दिए। इससे 45 किसानों की सिंचाई की समस्‍या दूर हो गई। आलम यह है कि प्रदेश में सूखा पड़ने के बावजूद, इन किसानों के खेतों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। ये साल में तीन-तीन फसल ले रहे हैं। ये किसान तमिलनाडु के अन्‍य किसानों के लिए एक प्रेरणा हैं, जो सूखे की मार झेल रहे हैं।