उर्सूला लेयन ने रूस और चीन की दोस्ती के खतरे से किया आगाह, कहा- हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी होगा यूक्रेन युद्ध का असर
यूरोपीय आयोग की प्रेसिडेंट उर्सूला लेयन ने सोमवार को रायसीना डायलाग में भारत समेत एशियाई देशों को रूस और चीन की दोस्ती के खतरे से आगाह करते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध का असर हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले को दुनिया के भविष्य को परिभाषित करने वाली घटना के तौर पर चिह्नित करते हुए यूरोपीय आयोग की प्रेसिडेंट उर्सुला लेयन ने भारत को भी आगाह किया है कि इस तरह की घटना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी दोहराई जा सकती है। राजधानी में रायसीना डायलाग का शुभारंभ करते हुए प्रेसिडेंट लेयन ने यूक्रेन-रूस युद्ध के व्यापक असर और यूरोपीय संघ (ईयू) व भारत के रिश्तों के भविष्य पर बहुत ही सारगर्भित भाषण दिया।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी होगा असर
उर्सुला लेयन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले का जो असर होगा उससे न सिर्फ यूरोप का भविष्य परिभाषित होगा बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भविष्य को भी तय करेगा। लेयन ने यूक्रेन पर रूस के हमले को रूस और चीन के बीच बढ़ रहे गहरे रिश्तों से जोड़कर देखा। लेयन जब अपना अध्यक्षीय भाषण दे रही थीं तब उनके सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत तकरीबन 10 देशों के विदेश मंत्री और 90 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
रूस पर करारा हमला
अपनी यूक्रेन यात्रा का हवाला देते हुए लेयन ने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से यूक्रेन की सड़कों पर लाशों के ढेर देखे हैं और एक ही जगह पर कई लाशों को दफनाए हुए कब्रगाह देखी हैं। रूस ने वहां जो किया है वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुख्य सिद्धांतों के खिलाफ है। यह युद्ध अपराध है। यह हर तरह के अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से की अपील
भारत समेत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के हर सदस्य से मदद का आह्वान करते हुए लेयन ने कहा, रूस ने जो किया है उसके खिलाफ जो कदम उठाए जाएंगे उससे दुनिया का भविष्य तय होगा। रूस के हमले का अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर हो रहा है। जो यूक्रेन में हुआ है वह आने वाले दिनों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी हो सकता है। असलियत में हो भी रहा है।
300 अरब डालर के निवेश की योजना
हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला, सभी के लिए समान अवसर वाला और कानून सम्मत बनाने का आह्वान करते हुए लेयन ने संकेत दिया कि भारत जैसे साझीदारों के साथ इस क्षेत्र में रिश्ते मजबूत बनाने की काफी संभावना है। इसी के साथ ही लेयन ने यूरोपीय संघ की तरफ से दुनियाभर में कनेक्टिविटी परियोजनाओं को मजबूत बनाने के लिए 300 अरब डालर के निवेश की योजना की जानकारी भी दी।
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