EPF खाते से अब निकाल सकते हैं 100 फीसदी राशि, केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने दी मंजूरी; लेकिन ये रहेगी शर्त
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ईपीएफ खाताधारकों के लिए आंशिक निकासी नियमों को आसान कर दिया है। अब सदस्य न्यूनतम राशि छोड़कर 100% तक राशि निकाल सकते हैं, केवल तीन बार निकासी की पाबंदी हटा दी गई है। ईपीएस 95 पेंशनभोगियों के लिए घर-घर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सेवा शुरू की गई है। बोर्ड ने ईपीएफओ सेवाओं के डिजिटल आधुनिकीकरण 3.0 को भी मंजूरी दी है।

डेब्ट फंड के लिए चार फंड मैनजरों के चयन पर भी लगी मुहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ के सात करोड़ से अधिक सदस्यों अब बिना अड़चन के अपने ईपीएफ फंड से न्यूनतम बैलेंस राशि छोड़ बाकी 100 प्रतिशत राशि अपने खाते से निकाल सकेंगे। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने ईपीएफ खाता धारकों की आंशिक निकासी को आसान बनाने के लिए भविष्य निधि खाते से शत प्रतिशत तक निकासी की अनुमति को मंजूरी दे दी है।
केवल तीन बार आंशिक निकासी की पाबंदी को हटा लिया गया है और ईपीएफ खाताधारक अपनी जरूरत के अनुसार भविष्य निधि खाते से रकम निकाल सकेंगे। वहीं बोर्ड ने ईपीएस 95 पेंशनभोगियों को घर-घर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) सेवाएं प्रदान करने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से समझौते को भी मंजूरी दी है। ईपीएफओ सेवाओं के तीसरे चरण के डिजिटल आधुनिकीकरण 3.0 को भी मंजूरी दे दी है।
चार फंड मैनेजरों के चयन पर भी मुहर
साथ ही अगले पांच साल तक ईपीएफओ डेब्ट पोर्टफोलियो के अधीन राशि का प्रबंधन करने के लिए चार फंड मैनेजरों के चयन पर भी मुहर लगा दी है। ईपीएफओ के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय सीबीटी बोर्ड की 238वीं बैठक की केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुई बैठक में ये महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। 13 जटिल प्रावधानों को एक ही सुव्यवस्थित नियम में समाहित कर आंशिक निकासी को केवल तीन श्रेणियों आवश्यक आवश्यकताएं (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवास और विशेष परिस्थितियों में समाहित किया गया है।
इसके बाद ईपीएफ सदस्य कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से सहित भविष्य निधि में न्यूतनम अनिवार्य राशि के अलावा बाकी 100 प्रतिशत रकम निकाल सकेंगे। निकासी सीमा को उदार बनाते हुए अब शिक्षा के लिए 10 बार तक और विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति होगी। वर्तमान में केवल तीन बार ही आंशिक निकासी की अधिकतम छूट है। सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा की आवश्यकता को घटाकर केवल 12 महीने कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक इससे पहले विशेष परिस्थितियों के तहत आंशिक निकासी के दावों को अक्सर खारिज कर दिया जाता था जिसको लेकर काफी शिकायतें थी।
निकासी के लिए किया जा सकेगा आवेदन
अब बिना कोई कारण बताए निकासी के लिए आवेदन किया जा सकेगा। ईपीएफ सदस्यों को अपने खाते में योगदान का 25 प्रतिशत न्यूनतम बैलेंस हमेशा रखना होगा ताकि वे इसकी उच्च ब्याज दर जो अभी 8.25 प्रतिशत प्रति वर्ष है का फायदा उठाते हुए सेवानिवृत्ति निधि पर चक्रवृद्धि लाभ हासिल कर सकें। बोर्ड ने ईपीएफ के समयपूर्व अंतिम निपटान का लाभ उठाने की अवधि को मौजूदा दो महीने से 12 महीने और अंतिम पेंशन निकासी की अवधि को दो महीने से 36 महीने करने का भी निर्णय लिया है।
आंशिक निकासी के उदारीकरण से सदस्य अपनी सेवानिवृत्ति बचत या पेंशन अधिकारों से समझौता किए बिना तत्काल वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।ईपीएफओ में सुधारों के तहत सीबीटी ने सहज दंडात्मक हर्जाने के माध्यम से मुकदमेबाजी को कम करने के लिए 'विश्वास योजना' शुरू करने का निर्णय लिया है जिसमें दंडात्मक हर्जाने की दर घटाकर एक प्रतिशत प्रति माह कर दिया जाएगा। यह योजना छह महीने तक लागू रहेगी और छह माह आगे भी बढ़ाया जा सकता है। मुकदमों का एक प्रमुख कारण पीएफ बकाया राशि के लंबित भुगतान के लिए हर्जाना लगाना रहा है।
21,000 संभावित मुकदमे लंबित
मई 2025 तक उच्च न्यायालयों, सीजीआईटी और सर्वोच्च न्यायालय सहित विभिन्न मंचों पर 6000 से अधिक मामले लंबित हैं और दंडात्मक हर्जाना 2406 करोड़ रुपए का है। ईपीएफओ ई-कार्यवाही पोर्टल पर भी 21,000 संभावित मुकदमे लंबित हैं। विश्वास योजना के तहत अनुपालन की स्थिति में सभी लंबित मामले समाप्त हो जाएंगे। न्यासी बोर्ड ने ईपीएस 95 पेंशनभोगियों को 50 रुपये प्रति प्रमाणपत्र की दर से घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए मंजूरी दी उसका पूरा खर्च ईपीएफओ उठाएगा।
इस पहल से विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनभोगी विशाल डाक नेटवर्क के माध्यम से घर बैठे अपना जीवन प्रमाण पत्र नि:शुल्क जमा कर सकेंगे। ईपीएफओ 3.0 के तहत सीबीटी ने भविष्य निधि सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए व्यापक सदस्य केंद्रित डिजिटल परिवर्तन ढांचे को मंजूरी दी है।इस हाइब्रिड डिजाइन कोर बैं¨कग की तरह सदस्यों के ईपीएफ खाता प्रबंधन, ईआरपी, अनुपालन आदि को सुनिश्चित करेगा जिससे दावों, तत्काल निकासी जैसी सेवाएं तेज होंगी।
संजय मिश्र
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।