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    पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव बोले, भारत जैसे विकासशील देशों को जलवायु फंडिंग जरूरी

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Sat, 02 Oct 2021 09:57 PM (IST)

    यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पेरिस समझौते के तहत तापमान लक्ष्य के अंदर रहे भारत जलवायु कार्रवाई की जरूरत को समझता है। इसलिए कार्यान्वयन समर्थन के लिए सीओपी 26 के नतीजों में इस महत्वाकांक्षी अंतर को पाटने की जरूरत पर जोर दिया जाना चाहिए।

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    पर्यावरण मंत्री ने कहा, मजबूत कार्रवाई की जरूरत को समझता है भारत

    नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को कहा कि भारत पेरिस समझौते के तहत तापमान लक्ष्य के भीतर रखने के लिए मजबूत कार्रवाई की जरूरत को समझता है। विकासशील देश अपने लक्ष्यों को पूरा करें, इस लिहाज से उनकी जलवायु फंडिंग जरूरी है।

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    यादव 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 26) से पहले मिलान में 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित प्री-सीओपी 26 की मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन इटली द्वारा किया गया था।

    भारत जलवायु कार्रवाई की जरूरत को समझता है: यादव

    यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पेरिस समझौते के तहत तापमान लक्ष्य के अंदर रहे भारत जलवायु कार्रवाई की जरूरत को समझता है। इसलिए कार्यान्वयन समर्थन के लिए सीओपी 26 के नतीजों में इस महत्वाकांक्षी अंतर को पाटने की जरूरत पर जोर दिया जाना चाहिए। इससे विकासशील देश अपनी जलवायु कार्रवाइयों को बढ़ा पाएंगे।

    बैठक का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र ढांचा सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के 26वें सीओपी के लिए आगे का रास्ता निर्धारित करना और 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक ग्लासगो में होने वाले सम्मेलन से अपनी अपेक्षाओं पर अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए पार्टियों को एक मंच प्रदान करना था।

    मंत्री ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका त्वरित, सुनिश्चित और निरंतर फंडिंग के माध्यम से कार्रवाई है।

    वायु प्रदूषण को लेकर भूपेंद्र यादव ने राज्यों को किया सतर्क

    वहीं, दूसरी ओर अभी हाल ही में भूपेंद्र यादव ने पराली के साथ ही वायु प्रदूषण के दूसरे कारणों को लेकर राज्यों को सतर्क किया है। उन्होंने धूल से होने वाले प्रदूषण पर पैनी नजर रखने के साथ ही सभी राज्यों से इसकी कार्ययोजना भी तैयार करने को कहा है। गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्री पराली संकट से निपटने की तैयारियों की  लगातार समीक्षा कर रहे हैं। 

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