Move to Jagran APP

Moin Qureshi case: अदालत ने सतीश बाबू सना को पांच दिन की र्इडी हिरासत में भेजा

Moin Qureshi case में गिरफ्तार किए गए हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना को विशेष सीबीआई अदालत ने पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 04:01 PM (IST)
Moin Qureshi case: अदालत ने सतीश बाबू सना को पांच दिन की र्इडी हिरासत में भेजा
Moin Qureshi case: अदालत ने सतीश बाबू सना को पांच दिन की र्इडी हिरासत में भेजा

नई दिल्‍ली, एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) ने मोइन कुरैशी केस (Moin Qureshi case) में हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना (Satish Babu Sana) को दिल्‍ली में गिरफ्तार लिया। इसके बाद उसे विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी सतीश बाबू सना को पांच दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड में भेज दिया है। हालांकि, ईडी ने पूछताछ के लिए अदालत से सतीश बाबू सना की 14 दिन की हिरासत मांगी थी। 

loksabha election banner

सतीश बाबू सना ने सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक रहे राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) पर पांच करोड़ रुपये की घूस मांगने का आरोप लगाया था। इसके बाद तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने अस्थाना एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

बता दें कि मोईन कुरैशी ने 1993 में रामपुर में एक बूचड़खाने से अपने कारोबार की शुरुआत की थी और 10 साल के भीतर ही वह देश का बड़ा मीट निर्यातक बन गया। उसकी पढ़ाई दून स्कूल में हुई है और उसने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। सना अब तक मीट कारोबारी मोइन कुरैशी (Moin Qureshi) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) का गवाह था, जिसको अब आरोपी बनाया गया है।

ज्ञात हो कि मोईन कुरैशी से जुड़ी कंपनी से सना द्वारा 50 लाख रुपये के शेयरों की खरीद ईडी की जांच के दायरे में है। हालांकि, सना को ये शेयर कभी नहीं मिला ना ही उसने कुरैशी से अपने पैसे ही वापस लिए थे। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि भ्रष्‍टाचार के मामले में राहत दिलाने के लिए तो सना ने कुरैशी को पैसे नहीं दिए थे। पूछताछ के दौरान सना के बयानों में कई विरोधाभास पाए गए। उसे जल्द ही एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा जहां ईडी पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लेने की मांग करेगी। 

कुरैशी का नाम सबसे पहले साल 2014 में तब सामने आया जब यह पता चला कि 15 महीने में कुरैशी कम से कम 70 बार तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के घर पर हाजिरी लगाई थी। इसके बाद आरोपी के साथ बैठक करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सिन्हा को कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद सीबीआई के दो वरिष्‍ठ अधिकारियों आलोक वर्मा और अस्थाना के बीच उपजे विवाद में भी सना का नाम आया था।  

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.