'तमिल संस्कृति के महान संरक्षक', सम्राट पेरुंबिदुगु मुथरैय्यर द्वितीय के सम्मान में जारी डाक टिकट पर पीएम मोदी ने जताई खुशी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्राट पेरुंबिदुगु मुथरैय्यर द्वितीय के सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी होने पर खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सम्रा ...और पढ़ें

सम्राट पेरुंबिदुगु मुथरैय्यर द्वितीय के सम्मान में जारी हुआ डाक टिकट।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्राट पेरुंबिदुगु मुथरैय्यर द्वितीय (सुवरण मारन) के सम्मान में स्मारक डाक टिकट पर जारी किए जाने पर खुशी जताई है। पीएम मोदी ने कहा कि सम्राट मुथरैय्यर द्वितीय तमिल संस्कृति के महान संरक्षक थे।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, मुझे खुशी है कि उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सम्राट पेरुंबिदुगु मुथरैय्यर द्वितीय के सम्मान में डाक टिकट जारी किया। वह प्रभावशाली प्रशासक थे और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। वह तमिल संस्कृति के भी महान संरक्षक थे। मैं युवाओं से आग्रह करता हूं कि उनके असाधारण जीवन के बारे में पढ़ें। इससे पहले उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने रविवार को सम्राट मुथरैय्यर द्वितीय के सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किया।
उपराष्ट्रपति ने की पीएम मोदी की सराहना
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा तमिल संस्कृति और भाषा को दिए जा रहे निरंतर समर्थन की सराहना की। उन्होंने काशी तमिल संगमम जैसे पहलों की प्रशंसा की और उन तमिल राजाओं, नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के प्रयासों की सराहना की, जिन्हें अतीत में उचित सम्मान नहीं मिला था।
उपराष्ट्रपति ने क्या कहा?
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुथरैय्यर द्वितीय प्राचीन तमिलनाडु के सबसे प्रतिष्ठित शासकों में से एक थे। वह मुथरैय्यर वंश से संबंधित थे, जिसने सातवीं से नौवीं सदी में तमिलनाडु में शासन किया। सम्राट ने लगभग चार दशक तक तिरुचिरापल्ली से शासन किया, और उनके शासनकाल को प्रशासनिक स्थिरता, क्षेत्रीय विस्तार, सांस्कृतिक संरक्षण और सैन्य कौशल जैसी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर पाए गए शिलालेख सम्राट के मंदिरों के दान, सिंचाई कार्यों और तमिल साहित्य में योगदान के साक्षी हैं।

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