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    प्रख्यात वैज्ञानिक डा राजेश गोखले को मिला डीजी काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च का अतिरिक्त प्रभार

    By Ashisha RajputEdited By:
    Updated: Fri, 29 Apr 2022 04:04 PM (IST)

    जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रख्यात वैज्ञानिक राजेश एस गोखले 30 अप्रैल 2022 को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सह-सचिव विभाग के महानिदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। ‌बता दें कि गोखले विभाग में डा शेखर सी मंडे की जगह ली है।‌

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    डा राजेश एस गोखले भारत के रासायनिक जीव विज्ञानी हैं। (फोटो-एएनआइ)

    नई दिल्ली, एएनआइ।‌ भारत के प्रख्यात वैज्ञानिक राजेश एस गोखले को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डा राजेश एस गोखले को शुक्रवार को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सह-सचिव, विभाग के महानिदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। नए पद का कार्यभार महान वैज्ञानिक गोखले 30 अप्रैल 2022 से संभालेंगे।

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    जानें प्रख्यात वैज्ञानिक राजेश एस गोखले के बारे में

    डा राजेश एस गोखले भारत के रासायनिक जीव विज्ञानी हैं। उनका जन्म 1967 में हुआ था। बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार गोखले ने आइआइएससी से पीएचडी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए से पोस्टडाक्टोरल में अध्ययन किया है। भारत वापस आने के बाद, उन्होंने अपनी शिक्षा को दूसरों तक पहुंचाने के लिए फैकल्टी के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इम्यूनोलाजी (एनआइआइ), दिल्ली में शामिल हो गए। आपको बता दें कि गोखले 2009 से 2016 तक, CSIR- इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (CSIR-IGIB), दिल्ली के निदेशक भी रह चुके हैं।

    वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग का नया कार्यभार

    कार्मिक मंत्रालय के आदेश में बताया गया कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डा शेखर सी मंडे के सेवानिवृत्त पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डा राजेश एस गोखले को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के महानिदेशक, सीएसआइआर सह-सचिव के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपने को मंजूरी दे दी है, जिसे गोखले 30 अप्रैल, 2022 को संभालेंगे।

    आपको बता दें कि इससे पहले, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग और डायग्नोस्टिक्स में भारत के अग्रणी विशेषज्ञों में से एक, डा शेखर सी मांडे ने 16 अक्टूबर, 2018 को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के

    महानिदेशक और वैज्ञानिक और अनुसंधान विभाग के सचिव का पदभार ग्रहण किया था।

    मंडे ने अपने कार्यकाल के दौरान ढेरों बड़े कार्य किए, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर में भारतीय मानव माइक्रोबायोम पहल के शुभारंभ का निरीक्षण किया। 2005 में, उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह भारत का जैविक विज्ञान की श्रेणी में सबसे प्रतिष्ठित विज्ञान पुरस्कार है।

    यही नहीं उन्हें 1999 में बीएम बिड़ला यंग साइंटिस्ट अवार्ड और वेलकम ट्रस्ट इंटरनेशनल सीनियर फेलो 2003-08 सहित कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जा चुका है।