Move to Jagran APP

देश के सिर्फ दस राज्यों में ही हो रही सड़कों की इलेक्ट्रानिक निगरानी, दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग

राज्यसभा में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में बताया है कि केवल दस राज्यों-उत्तर प्रदेश दिल्ली महाराष्ट्र बंगाल राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात ओडिशा और आंध्र प्रदेश ने इलेक्ट्रानिक निगरानी के उपाय किए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Thu, 23 Mar 2023 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 07:33 PM (IST)
देश के सिर्फ दस राज्यों में ही हो रही सड़कों की इलेक्ट्रानिक निगरानी, दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग
दस राज्यों में ही हो रही सड़कों की इलेक्ट्रानिक निगरानी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: सड़क सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की समिति की ओर से खासा जोर दिए जाने के बावजूद स्थिति यह है कि केवल दस राज्य हाईवे की इलेक्ट्रानिक निगरानी करने की स्थिति में हैं। इलेक्ट्रानिक निगरानी से आशय राष्ट्रीय राजमार्गों पर उच्च ट्रैफिक घनत्व वाले स्थानों पर स्पीड कैमरे, सीसीटीवी, स्पीड गन, बाडी वियरबेल और डैशबोर्ड कैमरे, आटोमैटिक नंबर प्लेट रिकाग्निशन सिस्टम की स्थापना से है। इसे सड़क सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी जरूरत माना गया है और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से भी इसकी लगातार अनिवार्यता जताई जाती रही है।

loksabha election banner

कई राज्यों में इलेक्ट्रानिक निगरानी के उपाय

राज्यसभा में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में बताया है कि केवल दस राज्यों-उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और आंध्र प्रदेश ने इलेक्ट्रानिक निगरानी के उपाय किए हैं। इनमें भी उत्तर प्रदेश ने केवल 222 स्पीड गन, 2577 बाडी वियरेबल और 186 डैश बोर्ड कैमरे लगाए हैं।

कर्नाटक ने दिखाई  सबसे अधिक सक्रियता

दिल्ली ने 66 स्थानों पर 125 कैमरे, 110 स्पीड गन, 569 बाडी वियरेबल कैमरे स्थापित किए हैं। कर्नाटक ने सबसे अधिक सक्रियता दिखाई है और सभी कसौटी पर कुछ न कुछ काम किया है। गुजरात और आंध्र सीसीटीवी लगाने में सबसे आगे हैं। स्पीड कैमरों को गति सीमा के उल्लंघन के मामलों को पकड़ने के लिए सबसे जरूरी माना गया है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक ओवर स्पीडिंग 71 प्रतिशत से अधिक हादसों का कारण है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.